छोटे बच्चों में बढ़ता सूखा रोग, आप इन लक्षणों को पहचान कर करें बच्चों की देखभाल
जयपुर।बच्चों के इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के कारण आज के समय में छोटे बच्चों में कोरोना वायरस का खतरा अधिक बना हुआ है।वहीं छोटे बच्चों को पर्याप्त पोषण ना मिलने के कारण कई प्रकार के रोगो की संभावनाए बढ़ जाती है।बच्चों में पोषक तत्व विटामिन डी, फॉस्फेट और कैल्शियम की कमी से हड्डियों से संबंधित सूखा रोग का खतरा रहता है।
इस रोग में बच्चों की हड्डियां नरम और कमजोर होने लगती है साथ ही इससे बच्चों का विकास भी रुक जाता है।सूखा रोग के कारण बच्चों के शरीर में अस्थिविकार होकर पैरों का टेढ़ापन और मेरूदंड में असामान्य मोड आने की समस्या दिखाई देती है।इसके अलावा बच्चों में सूखा रोग होने पर शरीर लगातार निर्बल होता चला जाता है।
साथ ही इस रोग के कारण बच्चों के हाथ-पांव सूख जाते है और पेट बढ़कर आगे की ओर निकल आता है।बच्चों को सूखा रोग से बचाने के लिए डाइट का खास ध्यान रखना आवश्यक है।आप अपने बच्चों की डाइट में पपीते का रस अवश्य शामिल करें।
बच्चे की डाइट में लम्बे बैंगन की सब्जी और चने की रोटी का सेवन करने से सूखा रोग की समस्या शरीर से दूर होती है।आप बच्चों के शरीर को सूखा रोग बचाने के लिए जामुन के रस में सिरके को मिला कर बच्चे को दिन में चार बार पिलाएं।
बच्चों में सूखा रोग के लक्षण दिखाई देने पर रत्ती अपामार्ग के क्षार में दही में मिलाकर बच्चों को खिलाएं।आप अपने बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए डाइट में विटामिन—सी युक्त फलों और हरी सब्जियो को शामिल करें।

