'रोजाना 2.5 लाख की कमाई, 41 करोड़ की नेटवर्थ' IIT टॉपर की Apoorva Mukhija की 41 करोड़ की कमाई पर भड़ास ने मचाई सोशल मीडिया पर हलचल

सोशल मीडिया एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है, और इस बार वजह हैं दो बिल्कुल अलग-अलग ज़िंदगियां: एक IIT पासआउट युवक और दूसरी, इंस्टाग्राम रील्स से करोड़ों कमाने वाली कंटेंट क्रिएटर अपूर्वा मुखीजा, जिन्हें इंटरनेट पर The Rebel Kid के नाम से जाना जाता है। जहां एक तरफ एक IITian ने सालों की मेहनत, पढ़ाई और तनाव भरे शैक्षणिक जीवन के बारे में पोस्ट किया, वहीं दूसरी ओर अपूर्वा मुखीजा ने अपने बोल्ड कंटेंट, सोशल मीडिया फॉलोइंग और ब्रांड डील्स के ज़रिए एक ₹41 करोड़ की डिजिटल एम्पायर खड़ी कर दी है। और जब इन दोनों जिंदगियों की तुलना हुई — तो सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई।
वायरल हुआ एक ट्वीट और भड़की बहस
IIT से ग्रेजुएट एक युवक ने ट्विटर (अब X) पर अपनी जीवन-यात्रा साझा की। उसका कहना था:
"14 घंटे पढ़ा, दोस्तों और नींद को त्यागा, घर छोड़ा, 6 साल तक CGPA और प्लेसमेंट के डर से जूझा, लेकिन आज मुझे 100 लोग भी नहीं जानते।"
इसके साथ ही उसने अपूर्वा मुखीजा की चर्चा वाली Business Today की रिपोर्ट को टैग करते हुए लिखा:
"वहीं, कोई रील्स बनाकर, रेड लिपस्टिक और गालियां देकर, ‘सेमी न्यूड्स’ के ज़रिए ₹2.5 लाख रोज़ कमा रही है। दुनिया वाकई न्यायप्रिय है।"
Studied 14 hrs a day to crack India’s toughest engineering exam, gave up home, friends, cousins, sleep, and dreams -got into IIT, then fought for 4+2 years with CGPA nightmares, lab viva trauma, and placement tension.
— DigitalSanghi🚩 (@digitalsangghi) June 30, 2025
Today? Not even 100 people know me. 🤡
Meanwhile… reels,… pic.twitter.com/BrT7G2quuy
अपूर्वा मुखीजा कौन हैं?
अपूर्वा मुखीजा उर्फ The Rebel Kid, सोशल मीडिया की दुनिया में एक चर्चित नाम हैं। अपने फनी और बिंदास कंटेंट के लिए मशहूर अपूर्वा अब तक कई ब्रांड डील्स और रियलिटी शोज़ कर चुकी हैं। उनकी ₹2.5 लाख प्रति दिन की कमाई और ₹41 करोड़ की संपत्ति की रिपोर्ट ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया। उन्हें हाल ही में करण जौहर द्वारा होस्ट किए गए रियलिटी शो ‘The Traitors’ में देखा गया, जिसकी शूटिंग जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस में हुई थी।
तुलना के बाद आया गुस्सा और समर्थन
IITian के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर राय बंट गई। कुछ ने IIT छात्र के संघर्षों को सराहा, तो कुछ ने उसकी तुलना को ‘निराधार’ बताया।
एक यूजर ने जवाब दिया:
"तुमने जो चाहा वो हासिल किया — IIT और अच्छी नौकरी। उसने जो चाहा — नाम, पैसा और फॉलोअर्स — वो पाया। दोनों ने मेहनत की, रास्ते अलग थे। तुलना मत करो।"
एक और यूजर ने कहा:
"मैं उस लड़की का फैन नहीं हूं, लेकिन तुमने 14 घंटे पढ़ना चुना, उसने कैमरे के सामने आना। ये ज़िंदगी की अलग-अलग चुनौतियाँ हैं, न कि मुकाबले।"
वहीं कुछ यूजर्स ने IITian के नजरिये का समर्थन किया, इसे समाज में मूल्यों के गिरते स्तर की तस्वीर बताया।
You studied for 14 hours a day for IIT, got selected,will get a good job - That's what you chased & achieved. Kuddos to you.
— Vats (@VatsMusings) July 2, 2025
She chose fame, must hv worked hard for it and got what she chased- kuddos to her.
Comparing Apples with Oranges is ridiculous. Reason of our misery. https://t.co/nmFAIwmdSy
यह बहस क्या दर्शाती है?
इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है: क्या मेहनत और परंपरागत शिक्षा से सफल होना आज के दौर में कम प्रभावशाली हो गया है? जहां एक ओर समाज में इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक बनने को सबसे बड़ा आदर्श माना जाता था, वहीं दूसरी ओर अब कंटेंट क्रिएटर, इन्फ्लुएंसर, और रील-स्टार्स को भी उतनी ही शोहरत, पैसा और पहचान मिलने लगी है — और वो भी कम समय में।
क्या सोशल मीडिया की सफलता ज्यादा आसान है?
कई लोगों को लगता है कि रील्स बनाना आसान है और इंस्टाग्राम की लाइमलाइट पाने के लिए बोल्ड या विवादास्पद कंटेंट ही काफी है। लेकिन सच यह है कि सोशल मीडिया में भी लगातार मेहनत, रणनीति और रचनात्मकता की जरूरत होती है। अपूर्वा मुखीजा जैसी क्रिएटर्स को अपने हर वीडियो, स्क्रिप्ट, ब्रांडिंग और सोशल मीडिया रणनीति पर काम करना होता है। हां, रास्ता पारंपरिक शिक्षा से अलग है, लेकिन प्रतिस्पर्धा उतनी ही ज्यादा है।
IITian का दर्द जायज़, तुलना गलत?
जिस IITian ने यह पोस्ट किया, उसकी भावनाएं बिलकुल जायज़ हैं — इतने सालों की पढ़ाई, मानसिक दबाव, करियर की अनिश्चितता — और फिर एक तुलना जहां रील्स बनाने वाली व्यक्ति को लाखों की कमाई करते देखना... यह झटका दे सकता है। लेकिन समाज आज कई रास्तों से सफलता की परिभाषा तय करता है। शिक्षा, कला, खेल, या डिजिटल मीडिया — हर क्षेत्र की अपनी भूमिका है।
क्या ये दोनों दुनिया टकरा रही हैं?
- यह बहस हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आज की युवा पीढ़ी के लिए ‘सफलता’ का मतलब क्या है?
- क्या वह सिर्फ तनख्वाह और डिग्री है?
- या फिर एक स्वतंत्र, खुद की शर्तों पर जीने वाली ज़िंदगी?
IITian हो या इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर — दोनों ही मेहनत करते हैं, बस उनके तरीके अलग हैं। जहां एक छात्र समाज के पारंपरिक ढांचे को चुनता है, वहीं दूसरा उसे तोड़कर कुछ नया बनाने की कोशिश करता है। शायद हमें तुलना नहीं करनी चाहिए, बल्कि स्वीकार करना चाहिए कि आज हर व्यक्ति की ‘जर्नी टू सक्सेस’ अलग है — और सबकी जगह बराबर है।