ईस्टर संडे से जुड़ी ये रौचक बातें
ईसाई धर्म की कुछ मान्यताओं के अनुसार ईस्टर शब्द का जन्म ईस्त्र शब्द से हुआ था। इस दिन का ईसु के पुर्नजन्म की याद में मनाया जाता है। ईस्टर की प्रार्थना शाम के समय महिलाओं द्वारा की जाती है क्योंकि इसी वक्त यीशु का वापिस से हुआ था और उन्हें सबसे पहले मरियम मगदलीनी नामक

ईसाई धर्म की कुछ मान्यताओं के अनुसार ईस्टर शब्द का जन्म ईस्त्र शब्द से हुआ था।

इस दिन का ईसु के पुर्नजन्म की याद में मनाया जाता है।

ईस्टर की प्रार्थना शाम के समय महिलाओं द्वारा की जाती है क्योंकि इसी वक्त यीशु का वापिस से हुआ था और उन्हें सबसे पहले मरियम मगदलीनी नामक महिला ने देख अन्य महिलाओं को इस बारे में बताया था। इसे सनराइज के नाम से जाना जाता है।

यह दिन गुड फ्रायडे से तीसरे दिन बाद आता है। पहले के समय में ईसाई धर्म को मानने वाले अधिकांश यहूदी थे। जिन्होंने प्रभु यीशु के जी उठने को ईस्टर घोषित कर दिया।

शाम के समय में असंख्य मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु में अपने विश्वास प्रकट करते हैं।

