Ayodhya में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का समय है सबसे खास, इसी मुहूर्त में पूजा कर पाएं मन चाहा फल
अध्यात्म न्यूज़ डेस्क, पवित्र धार्मिक नगरी अयोध्या का राम मंदिर आज ऐतिहासिक 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के लिए पूरी तरह तैयार है। मंदिर को 20 और 21 जनवरी को बंद रखा गया था हालाँकि लोग 23 जनवरी से फिर से भगवान के दर्शन कर सकेंगे। 22 जनवरी यानि आज पौष शुक्ल द्वादशी अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। 121 आचार्य प्रभु राम की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान कर रहे हैं।

अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में लगातार पूजन-पाठ, मंत्रोच्चार चल रहा है और वेदों की ऋचाएं पढ़ी जा रही हैं। हर रामभक्त अयोध्या जाकर अपने आराध्य राम के दर्शन करने को आतुर है। अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे भारत में आनंद और उन्माद सा छा हुआ है। आज 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा जो पवित्र और दिव्य घटना बनने वाली है उसके ऊपर बहुत सारी चर्चाएं हो रही हैं। कोई मुहूर्त के बारे में भी चर्चा कर रहा है तो कोई अधूरे मंदिर को लेकर भी चर्चा कर रहा है।

अयोध्या मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े पूजा कार्यक्रम का आरंभ 16 जनवरी से हो चुका है, लेकिन मुख्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आज 22 जनवरी को मंदिर के गर्भग्रह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किया जाएगा। राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा बताया गया है कि सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा। जो कि दोपहर में 12 बजकर बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा, तो आईये जाने इसके बारे में विस्तार से

प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त
पंचांग और अन्य शुभ अशुभ योग को देखते हुए रामलला की मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा देने के लिए 22 जनवरी 2024, पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश को चुना गया है। यह शुभ मुहूर्त दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक अर्थात 84 सेकंड का होगा। इसी समय में प्रभु श्रीराम की मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा दी जाएगी।

कैसा होगा भव्य मंदिर ?
भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण परंपरागत तरीके से किया जा रहा है। मंदिर की लंबाई पूर्व से पश्चिम की ओर 380 फीट की होगी और चौड़ाई 250 फीट की है। मंदिर ऊंचाई में 161 फीट का होगा। भगवान राम के भव्य मंदिर को 3 तल का बनाया गया है और हर तल की ऊंचाई 20 फीट की होगी। मंदिर के भूतल के गर्भगृह में भगवान राम के बाल स्वरूप की मूर्ति स्थापित की जाएगी और प्रथम तल के गर्भगृह में श्रीराम दरबार स्थापित किया जाएगा। मंदिर की दीवारों और खंबों पर देवी देवताओं की मूर्तियों को तराशकर बनाया गया है। मंदिर में बुजुर्ग भक्तों के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था भी है।


