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चियान विक्रम का असल नाम कुछ और, रील नेम को रियल बनाने के पीछे की कहानी जबरदस्त

हैदराबाद, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार, फिल्म निर्माता और प्लेबैक सिंगर चियान विक्रम का नाम जुबां पर आते ही ‘अपरिचित’ के मल्टिपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से पीड़ित ‘रामानुजम’ का किरदार आंखों के सामने आ जाता है। अभिनय में माहिर इस अभिनेता का असली नाम कम ही लोग जानते हैं। अभिनेता के 59वें जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनका असली नाम...
चियान विक्रम का असल नाम कुछ और, रील नेम को रियल बनाने के पीछे की कहानी जबरदस्त

हैदराबाद, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार, फिल्म निर्माता और प्लेबैक सिंगर चियान विक्रम का नाम जुबां पर आते ही ‘अपरिचित’ के मल्टिपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से पीड़ित ‘रामानुजम’ का किरदार आंखों के सामने आ जाता है। अभिनय में माहिर इस अभिनेता का असली नाम कम ही लोग जानते हैं। अभिनेता के 59वें जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनका असली नाम...

चियान विक्रम का असली नाम केनेडी जॉन विक्टर है। वह चियान विक्रम के नाम से लोकप्रिय हैं। अभिनेता के इस रील नेम के पीछे भी एक कहानी है।

विक्रम ने 1990 के दशक की शुरुआत में तमिल और तेलुगू फिल्मों में छोटी भूमिकाओं के साथ शुरुआत की थी। साल 1999 में विक्रम की सफल फिल्म आई थी 'सेतु', जिसमें उनके किरदार का नाम चियान था, यह नाम उनके साथ जुड़ गया। निर्देशक हो, दोस्त या उनके प्रशंसक अभिनेता को इसी नाम से पुकारने लगे थे।

विक्रम को असली पहचान साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म 'सेतु' से ही मिली थी। बाला के निर्देशन में बनी फिल्म उनके करियर के लिए वरदान साबित हुई और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

वहीं, विक्रम नाम के पीछे की कहानी भी बेहद खूबसूरत है। उनका नाम पहले जॉन केनेडी था, जो कि विदेशी लगता था और फिल्मों के हिसाब से फिट नहीं बैठता था। इस वजह से उन्होंने अपना नाम विक्रम रख लिया था। विक्रम का ‘वि’ उन्होंने अपने पिता के नाम विक्टर से लिया, ‘क’ अपने नाम केनेडी से लिया और ‘र’ मां के नाम राजेश्वरी से लिया था। अभिनेता की राशि मेष है और नाम को पूरा करने के लिए उन्होंने उससे ‘म’ लिया था।

इस तरह से उनका पूरा नाम चियान विक्रम पड़ा।

सलमान खान की साल 2003 में आई फिल्म 'तेरे नाम' विक्रम की फिल्म 'सेतु' की हिंदी रीमेक है। सिनेमाघरों में 'सेतु' के आने से पहले विक्रम ने कई फ्लॉप फिल्में दी थीं। वहीं, सेतु उनके करियर के लिए संजीवनी साबित हुई।

फिल्म निर्माता कार्तिक सुब्बुराज ने भी विक्रम के साथ अपनी अनटाइटल्ड फिल्म को अस्थाई नाम 'चियान60' दिया था।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विक्रम को सात बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुका है। उन्हें तमिलनाडु सरकार ने उन्हें पांच बार पुरस्कृत किया है।

चियान विक्रम अपने पिता जॉन विक्टर को फिल्मों में काम करते देखते थे तो उन्हें भी पर्दे पर आने की इच्छा होती थी। हालांकि, उनके पिता को कभी मुख्य भूमिका में काम करने का मौका नहीं मिला। यही वजह थी कि जॉन नहीं चाहते थे कि विक्रम अभिनय की दुनिया में आएं।

विक्रम का शुरुआती करियर संघर्ष भरा था। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनके पैर में गंभीर चोट आई और कई हड्डियां टूट गई थीं। वह लगभग तीन साल तक बिस्तर पर पड़े थे। उनकी हालत इतनी खराब थी कि डॉक्टर्स ने पैर काटने तक की सलाह दे दी थी। हालांकि, परिवार वालों ने ऐसा नहीं करने दिया।

जानकारी के अनुसार 3 साल में उनके लगभग 23 ऑपरेशन हुए। इलाज के दौरान ही उनकी दोस्ती शैलजा से हुई थी। पेशे से साइकोलॉजिस्ट शैलजा से विक्रम ने 1992 में शादी की थी।

--आईएएनएस

एमटी/केआर

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