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Monika Bhadoria ने किया चौकाने वाला खुलासा, बताया-क्यों उन्होंने तारक मेहता का उल्टा चश्मा के वर्क कल्चर पर बात की, यहां जानें ?

तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस मोनिका भदौरिया ने शो में वर्क कल्चर को लेकर खुलकर बात करने की वजह बताई है....
Monika Bhadoria ने किया चौकाने वाला खुलासा, बताया-क्यों उन्होंने तारक मेहता का उल्टा चश्मा के वर्क कल्चर पर बात की, यहां जानें ?
 मनोरंजन न्यूज डेस्क !!! तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस मोनिका भदौरिया ने शो में वर्क कल्चर को लेकर खुलकर बात करने की वजह बताई है। पहले एक साक्षात्कार में, मोनिका ने बताया था कि कैसे सेट पर होना उनके लिए एक यातना जैसी थी। उन्होंने कहा: मैं बस अपने अनुभव और उस दौरान जो मैंने महसूस किया, उसके बारे में खुलकर बात करना चाहती थी। मैं बस इसे अपने फैंस और मीडिया के साथ साझा करना चाहती थी। इसमें कोई बदले की भावना नहीं है। वह कहती हैं, लेकिन हां, मैं उन सभी गलत कामों को सामने लाना चाहती थी जो उन्होंने मेरे साथ किए थे।

इस बीच, अभिनेत्री ने कहा कि यह शो उनका पहला शो था। उन्होंने कहा, मैंने स्टार प्लस पर इस प्यार को क्या नाम दूं किया है, मैं यहां एक नकारात्मक किरदार निभा रही थी। शो 2013 में ऑफ एयर हो गया, इसके बाद मुझे तारक मेहता का उल्टा चश्मा की पेशकश की गई। मैंने बावरी की भूमिका निभाई और इस शो ने निश्चित रूप से मेरी जिंदगी बदल दी, इसलिए यह मेरे लिए एक बड़ा शो था।

'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में 'बावरी' का किरदार निभाकर घर-घर में मशहूर हुईं मोनिका भदौरिया ने हाल ही में सेट पर खराब वर्क कल्चर के बारे में बात की। 'पिंकविला' के साथ हुए अपने एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने साझा किया कि सेट पर लोगों के खराब व्यवहार की वजह से उन्होंने शो को छोड़ने का मन बना लिया था। उन्होंने कहा, "मेरा सपना था कि मैं अपने माता-पिता को अपने शो के सेट पर लाऊं, लेकिन सेट पर माहौल देखने के बाद मैंने फैसला किया कि मैं अपने माता-पिता को कभी भी सेट पर आने के लिए नहीं कहूंगी।"

मोनिका भदौरिया ने 'तारक मेहता...' में काम करने के दौरान, अपनी लाइफ के मुश्किल दौर के बारे में भी बात की और उस वक्त को याद किया, जब उनकी मां कैंसर से जूझ रही थीं। अपनी मां और दादी को अपने जीवन का आधार बताते हुए मोनिका ने साझा किया कि वह उनके नुकसान से निपटने में असमर्थ थीं और उन्हें लगा कि उनका जीवन खत्म हो गया है। उनके शब्दों में, “मैं बहुत सारी पारिवारिक त्रासदियों से गुज़री हूं। मैंने बहुत ही कम समय में अपनी मां और दादी दोनों को खो दिया था। वे दोनों मेरे जीवन के पिलर थे, उन्होंने मुझे बहुत अच्छी तरह से पाला था। मैं उनके नुकसान से निपटने में सक्षम नहीं थी और मुझे लगा कि मेरा जीवन समाप्त हो गया है।”

--आईएएनएस

टीवी न्यूज डेस्क !!

एसकेपी

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