अयोध्या फैसले से नाखुश है निर्देशक आनंद पटवर्धन,जानें क्यों
हाल ही में अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया।कोर्ट ने इस दौरान रामलला के हक में फैसला सुनाया।और वही मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ अलग से जमीन देने की बात कही।हालांकि ये जमीं अभी तक कंफर्मे नहीं होपाई।अब इस फैसले के बाद लगातार सेलिब्रिटीज के ट्वीटर पर रिस्पॉन्स आने शुरु हो गये।
पिछले दिनों ही जहां स्टार्स ने सरकार के इस फैसले के साथ सहमति जताई तो वही दूसरी तरफ सलीम खान और जावेद अख्तर ने काफी समझदारी से इस फैसले पर अपनी पॉजीटिव मुहर लगाई।और मुस्लिम समुदाय से अपील भी की।अब ऐसे में एक निर्देशक ने इसके खिलाफ अपना बयान जारी किया।जी हां हाल ही में इस बीच निर्देशक आनंद पटवर्धन ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बेहद निराश करने वाला बताया है।
दरअसल आपको बताना चाहेंगे कि आनंद पटवर्धन ने दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराये जाने से ठीक तीन महीने पहले ‘राम के नाम’ से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी।अपनी इस फिल्म में उन्होनें बाबरी मस्जिद के स्थल पर राम मंदिर बनाने के लिए छेड़ी गई मुहिम और इससे भड़की हिंसा को दर्शाया था। जिसे लेकर वो काफी गंभीर दिखाई दिये।
आनंद ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू के दौरान ये दावा किया कि बाबरी मस्जिद एक घोषित राष्ट्रीय स्मारक था। यह केवल मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि सभी भारतीयों के लिए था।इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को तोड़ने वाले नेता कभी जेल नहीं गए। बल्कि इसके बदले उन्हें सम्मानित किया गया। धर्मनिरपेक्ष भारत तभी बन सकता है जब हम अपने स्वतंत्रता के मूल्यों को फिर से अपनाएं।बताना चाहेगें आनंद की “राम के नाम” डॉक्यूमेंट्री अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा चलाए गए अभियान पर आधारित है। जिसे काफी लोगों ने देखी थी।