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ग्लैमरस इमेज को तोड़ने के लिए 'मिट्टी और सोना' में निभाएं दो अलग किरदार : सोनम खान 

1980 के दशक की चर्चित और ग्लैमरस एक्ट्रेस सोनम खान ने अपनी फिल्म ‘मिट्टी और सोना’ (1989) से जुड़ी कई अज्ञात और भावनात्मक यादों को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया कि ये फिल्म उनके दिल....
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1980 के दशक की चर्चित और ग्लैमरस एक्ट्रेस सोनम खान ने अपनी फिल्म ‘मिट्टी और सोना’ (1989) से जुड़ी कई अज्ञात और भावनात्मक यादों को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया कि ये फिल्म उनके दिल के सबसे करीब है और इसमें निभाया गया उनका दोहरा किरदार—कॉलेज गर्ल और तवायफ—उनके करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण अनुभव रहा।

किरदार को समझने के लिए रेड-लाइट एरिया का दौरा

सोनम ने बताया कि वह उस समय महज 15-16 साल की थीं, जब उन्हें यह किरदार निभाने का मौका मिला। इस भूमिका को वास्तविकता से निभाने के लिए उन्होंने रेड-लाइट एरिया का दौरा किया, जहां उन्होंने वहां की जिंदगी को काफी करीब से देखा और महसूस किया। उन्होंने कहा, "मैं छिपकर जाती थी ताकि कोई मुझे पहचान न सके। वहां की लड़कियों से बातचीत की, उनके दर्द, डर और संघर्ष को महसूस किया।" सोनम का मानना है कि उस अनुभव ने उन्हें हिम्मत और गहराई दी, जिससे वह अपने किरदार में डूब सकीं। उन्होंने लिखा, “‘मिट्टी और सोना’ मेरे दिल के सबसे करीब है। मैं इस फिल्म से कुछ साबित करना चाहती थी, लेकिन खुद को भी नहीं पता था कि क्या साबित होगा।

ग्लैमर से परे अभिनय की पहचान

अपने पोस्ट में सोनम ने इस बात को भी स्वीकार किया कि उस दौर में लोग उन्हें सिर्फ ‘ग्लैमरस सोनम’ के रूप में जानते थे, जो बिकिनी पहनने से नहीं हिचकती थीं। लेकिन इस फिल्म ने उन्हें यह मौका दिया कि वह अपनी अभिनय प्रतिभा को भी लोगों के सामने रख सकें। “इस फिल्म से मैंने साबित किया कि मैं सिर्फ ग्लैमरस नहीं हूं, मुझमें अभिनय की गहराई भी है।

एक इमोशनल शूटिंग अनुभव

सोनम ने फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए एक इमोशनल घटनाक्रम को भी शेयर किया। उन्होंने बताया, “एक सीन में मुझे स्किन कलर की स्ट्रैपलेस ड्रेस पहननी थी, जो देखने में ऐसी लगती थी जैसे मैंने कुछ पहना ही नहीं हो। पहले तो मैं तैयार हो गई, लेकिन अचानक डर और असहजता ने मुझे घेर लिया। मैं मेकअप रूम में फूट-फूटकर रोने लगी और सीन करने से मना कर दिया।” वह कहती हैं कि कुछ साल पहले जिन लड़कियों से वह रेड-लाइट एरिया में मिली थीं, उन्हीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने उस सीन को किया। “मैंने उनकी आंखों में जो साहस देखा था, उसी से खुद को हिम्मत दी।

एक अलग पहचान बनाने की जिद

सोनम ने अपने चार साल के छोटे लेकिन प्रभावशाली फिल्मी करियर में कई यादगार भूमिकाएं कीं, लेकिन ‘मिट्टी और सोना’ उनके लिए एक संघर्ष, साहस और आत्म-अन्वेषण की कहानी है। यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई, जहां उन्होंने साबित किया कि वह सिर्फ एक खूबसूरत चेहरा नहीं, बल्कि एक गंभीर और समर्पित कलाकार भी हैं। आज भी सोनम की ये पोस्ट ना केवल उनके फैंस को भावुक कर रही है, बल्कि एक एक्ट्रेस के संघर्ष और सच्चे समर्पण की मिसाल भी पेश करती है।

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