Saluting The Legends : डेविड अब्राहम चेउलकर
डेविड अब्राहम चेउलकर का जन्म 1908 में हुआ। डेविड ने मुंबई से ही अपनी स्कूल की पढाई पूरी की उसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ मुंबई से बीए किया। पढाई पूरी होने के बाद उन्होंने काफी वक्त से नौकरी की तराश में यहाँ वहा धक्के खाए । कई सालो तक छोटा मोटा काम करने के बाद उन्होंने फ़िल्मों में काम करने का सोचा। उस दौरान वह अपनी पढाई पर भी पूरा ध्यान देते रहे और लॉ की डिग्री प्राप्त की।

डेविड की फ़िल्मों की सफ़र की अगर बात करे तो फ़िल्म ज़ोम्बो से उन्होंने अपनी फ़िल्मी सफ़र की शुरुवात की। जिसके बाद उन्हें कई फ़िल्मों में काम मिलना शुरू हो गया। बूट पोलिश जैसी फ़िल्मों की बदौलत डेविड धीरे धीरे फ़िल्मों में अपने कदम ज़माने लग गये। डेविड हमेशा एक अलग तरह का किरदार निभाने में यकींन रखते थे। अंकल डेविड नाम से मशहूर चेउलकर ने 110 से ज्यादा हिंदी फ़िल्मों में काम किया। डेविड फ़िल्मों में हास्य कलाकार के रूप में भी काफी पसंद किए गए।

उनकी फ़िल्मों की अगर बात की जाए तो परदेसी (1957) भाई भाई (1956), बूट पॉलिश, (1954),राही (1952), हमरा घर (1950), सावन आया रे (1949) ,अभिनेत्री (1948) ,इंसाफ़ (1946), नरगिस (1946), गुलामी (1945), इन्सान (1944), तस्वीर (1943) ,किस्मत (1943) अंजान (1941) ,नाया संसार (1941) ,उपकार (1967) आसरा (1966) अनुपमा (1966) ममता, गोल मल्ल (1979) बैटन बैटन मीन (1979) ,सत्यम शिवम सुंदरम (1978) – बड़े बाबू ,खट्टा मीठा ,शत्रुंज के खिलाड़ी (1977) कोतवाल साब (1977) चुपके चुपके (1975) अभिमान (1973) अनुराग आदि फ़िल्मों में उन्होंने काम किया।जो की बॉक्स ऑफिस पर काफी कामयाब रही।

डेविड की निजी जिंदगी की अगर बात करे तो उन्होंने कभी शादी नहीं की। उन्हें 1969 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने पुरे जीवन में वह काफी सरल स्वभाव के रहे। उन्होंने सिर्फ अपने काम पर ही हमेशा ध्यान दिया।

28 दिसम्बर 1981 को हार्ट अटैक के चलते उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उस वक्त उनकी उम्र 73 साल थी। उस वक्त वह टोरंटो के ओंटारियो में थे। समाचार नामा हिंदी फ़िल्मों में उनके अतुल्य योगदान को सलाम करता है और उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करता है।

