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ऑरिजनल नहीं हैं फिल्म 'धुरंधर' के ये तीन गाने, टाइटल ट्रैक भी है रीमेक

मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ दर्शकों के दिलों पर भी छा चुकी है। फिल्म के सभी किरदारों ने फैंस को फिल्म देखने के लिए मजबूर कर दिया है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अक्षय खन्ना के रहमान डकैत के किरदार की हो रही है।
ऑरिजनल नहीं हैं फिल्म 'धुरंधर' के ये तीन गाने, टाइटल ट्रैक भी है रीमेक

मुंबई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ दर्शकों के दिलों पर भी छा चुकी है। फिल्म के सभी किरदारों ने फैंस को फिल्म देखने के लिए मजबूर कर दिया है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अक्षय खन्ना के रहमान डकैत के किरदार की हो रही है।

इसी के साथ फिल्म के गाने और टाइटल ट्रैक भी दर्शकों को पसंद आ रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म के दो गाने और फिल्म का टाइटल पुराने गानों के रीमेक हैं, जिन्हें नए म्यूजिक और सिंगर्स के साथ बनाया गया है?

पहले बात करते हैं फिल्म के टाइटल ट्रैक की। फिल्म का टाइटल "ना दे दिल परदेसी ना" को बहुत पसंद किया जा रहा है, लेकिन इस गाने को ऑरिजनली पंजाब की लोक गायिका रंजीत कौर और मो. सादिक ने गाया है, और ये गाना प्यार में मिलने वाले दुख को दिखाता है, लेकिन बीट के हेरफेर के साथ और नए सिंगर्स की आवाज के साथ गाने का स्वरुप बदल दिया गया, लेकिन लिरिक्स पुराने ही रहे। इसका ऑरिजनल वर्जन 1995 में आया था।

रणवीर सिंह पर फिल्माए गए गाने 'कारवां' को खूब पसंद किया जा रहा है और उनके किरदार की पर्सनैलिटी के हिसाब से भी गाना लाजवाब है, लेकिन इस गाने की जड़े पाकिस्तान से जुड़ी हैं। पहले इस गाने के कव्वाली वर्जन को 1960 में आई फिल्म 'बरसात की रात' में फिल्माया गया। कव्वाली को मन्ना डे, एस.डी. बातिश, आशा भोसले, सुधा मल्होत्रा ​​और कोरस ने मिलकर बनाया था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गाना 40 से 50 के दशक में मुबारक अली और फतेह अली खान ने गाया था और फिर बाद में हिंदी सिनेमा ने इस गाने को अलग रूपांतरण के साथ फिल्माया।

अब बात करते हैं फिल्म के दूसरे गाने 'एफए9एलए' की। यह गाना अक्षय खन्ना पर फिल्माया गया है, जिसमें वे खुले हाथों के साथ झूमते हुए पार्टी का मजा लेते हैं। पहले तो इस गाने की तुलना 'एनिमल' के 'जमाल कुडू' से की गई, लेकिन असल में ये अरबी गाना है, जिसे बहरीन अरबी भाषा के साथ गाया गया है। बहरीन अरबी भाषा एक क्षेत्रीय भाषा है, जिसकी झलक इस गाने में देखने को मिलती है। इस गाने को सबसे पहले रैपर फ्लिपराच्ये ने गाया था। उनका असली नाम हुसम असीम है, लेकिन उनके गानों की वजह से उन्हें ये नाम दिया गया। गाने का ऑरिजनल वर्जन साल 2015 में रिलीज किया गया था।

--आईएएनएस

पीएस/एएस

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