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 The Railway Man Social Media Review: पठान टाइगर 3 और गदर 2 जैसी 10 फिल्मे कुर्बान ऐसी सीरीज पर

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क -  मनोरंजन न्यूज़ डेस्क, संजय, सलमान और सनी देओल जैसे दस हीरो कुर्बान के के मेनन के थे रेलवे मन में स्टेशन मास्टर के किरदार निभाने पर। आजकल बॉलीवुड लोगों में अफीम बोता है और लोगो को नशे में जकड़े रखता है। जहां सलमान और आमिर 57 साल के हो गए और सन्नी 64 साल के तो यो मजे हुए कलाकार आखिर क्यों 57 साल के K. K. मेनन जैसे रोल नहीं निभाते पाते हैं। आखिर क्यों कोई करण जोहर और कोई यशराज फिल्म्स जैसे बड़े लोग मिशन इंपोसिबल की घटिया कॉपी बनाने की बजाय भारत में ही मौजूद ऐसे कई सब्जेक्ट पर फिल्में नहीं बनाते। 

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आखिर क्यों ये ऐसे होनहार निर्देशकों को नहीं लेते जो हमारे सिनेमा को अमर कर दे। ऐसी क्या कमी है इनको, इन्हें ना पैसे की ना शोहरत की, तो फिर क्यों नहीं ? साल में दो तीन फिल्मों में एक ऐसी बड़े बजट में फिल्म बनाकर धुआधार परमोशन कर लोगो को सिनेमाघरों में खींचने वाले क्यों नही बतलाए इस बारे में। 

सिर्फ चार एपिसोड की इस सीरिज ने धुंआ उड़ा दिया, बंदा सांस अटका कर पूरी सीरीज खतम कर दे लेकिन फिर भी एक पल भी ना हिलने दे। इरफान खान की कमी उनके बेटा बाबिल खान ने पूरी दी है, उनके चेहरे पर वही रौनक है जो उनके पिता में थी। हालाँकि, बाबिल खान को देखकर इरफान खान की बहुत याद आयी। 

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इस सीरीज ने 39 साल पहले की यादें जहन में ताजा कर दी और आंखो में आंसू दुबारा ला दिए। ये वो वक्त था सुबह अखबार पढ़ने का मन नहीं करता था जब भोपाल के मृतकों को तस्वीरे देखता था। छोटे छोटे बच्चो को कब्र में दफनाने और सामूहिक दाह संस्कार करते सैंकड़ों लाशे ही लाशे, दूसरी और कब्रिस्तानों में मुर्दे ही मुर्दे। हालाँकि इस मामले में सजा किसी को नहीं हुई और यूनियन कार्बाइड अध्यक्ष जेम्स एंडरसन गिरफ्तार भी हुआ लेकिन उसे सिर्फ 25 हजार की जमानत देकर छोड़ दिया। आखिर कैसे 15 हजार जाने लेने वाले की जमानत सिर्फ 25 हजार रूपए तय हुई। 

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री

अर्जुन सिंह की मंजूरी के साथ यूनियन कार्बाइड के अध्यक्ष एंडरसन को छोड़ने SP और DM अपनी कार में बिठाकर हवाई जहाज तक ले गए और वो बड़े आराम से फरार हो गया। इस देश के कानून को धता बताते हुए भारत की अदालतें उसे कभी सजा नही दे सकी। जापान में जैसे हिरोशिमा में परमाणु बम गिरा वैसे ही हमारे भोपाल में हवा में जहर घुला। लगभग पंद्रह हजार लोग एक ही रात में दम घुटने से तड़प तड़प कर मर गए और उसके बाद भी कई सालो तक उस गैस से बच कर निकलने वाले लोग मरते चले गए तो कई अपंग हो कर रह गए। 

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आज जब सीरीज देख रहा था तो उन्ही यादों में खोकर आंखो में आंसू दुबारा निकलें। इतनी नफरत हो गई इस यूनियन कार्बाइड से की एवरेडी बैटरी सेल में यूनियन कार्बाइड का नाम लिखा देख 20-30 सालो में कभी ये सेल बाजार से नही खरीदा। The Railway Men कहानी है एक रात की जब भोपाल के एक कीटनाशक फैक्ट्री यूनियन कार्बाइड से जहरीली गैस लीक होने और इस दौरान रेलवे कर्मियों के रोल अदा करने की। ये कहानी है भोपाल के हजारों लोगो की मौत से बचने के संघर्ष की। इस सीरीज का आखिरी एपिसोड क्लासिक है, जिसमे असली फुटेज के साथ फिल्म के फुटेज को मिलाकर जो इफेक्ट पैदा किया गया है वो बेमिसाल है।
 

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