Starfish Review: बीती जिंदगी और Khushalii Kumar के ही इर्द ग्गिर्द घूमती रहती है इस फिल्म की कहानी, देखने से पहले पढ़ ले रिव्यु
मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - निर्देशक अक्सर अपनी प्रतिभा साबित करने के लिए दर्शकों के सामने नई-नई कहानियां लेकर आते हैं। कई बार फिल्में लोगों के दिलों को छू जाती हैं तो कई बार वो उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पातीं। ऐसे में अब अखिलेश जयसवाल ने भी फिल्म 'स्टारफिश' के जरिए लोगों के बीच कुछ नया करने की कोशिश की है। खुशाली कुमार की यह फिल्म 'स्टारफिश पिकल' नाम की किताब पर आधारित है, जिसे आदित्य भटनागर, अखिलेश जयसवाल और बीना नायक ने मिलकर लिखा है। फिल्म 24 नवंबर को रिलीज हो गई है। अगर आपने भी 'स्टारफिश' देखने का मन बना लिया है तो जानिए कैसी है ये फिल्म?
कहानी
फिल्म तारा (खुशाली कुमार) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक स्कूबा ड्राइवर है। तारा की पिछली जिंदगी में इतना कुछ घटित हो चुका है कि उसे अक्सर पैनिक अटैक आते रहते हैं। अमन (तुषार खन्ना) और नील (एहान भट्ट) के बीच प्रेम त्रिकोण में फंसने के बाद तारा की जिंदगी में इतनी चीजें घटित होती हैं कि वह अपने अतीत को भूल नहीं पाती है। फिल्म की शुरुआत अच्छी है लेकिन बीच में ये अपनी कहानी से भटक जाती है। अंत तक फिल्म पटरी पर आ जाती है। अब क्या तारा अपनी पुरानी जिंदगी को भूल पाती है या नहीं? इसके लिए आपको ये फिल्म देखनी पड़ेगी।
पटकथा, छायांकन और संपादन
खुशाली कुमार की फिल्म 'स्टारफिश' देखने लायक है लेकिन फिल्म की कहानी को थोड़ा और बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी आपको पसंद आएगी। खासतौर पर अंडरवॉटर सीन आपको पसंद आएंगे। संपादन थोड़ा कड़ा रहा है. फिल्म कभी-कभी एक दृश्य से दूसरे दृश्य पर पहुंच जाती है। फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड म्यूजिक और बेहतर हो सकता था।
कलाकारों का अभिनय ठीक-ठाक है
इस पूरी फिल्म में खुशाली कुमार का अभिनय उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है. हालांकि उन्होंने फिल्म में कुछ इमोशनल सीन अच्छे से निभाए हैं, लेकिन कई जगहों पर वह दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाई हैं। एहान भट्ट और तुषार खन्ना की एक्टिंग भी ठंडी रही है. मिलिंद सोमन ने फिल्म की इज्जत बचा ली है। 'स्टारफिश' में एक अच्छी फिल्म बनने की क्षमता थी लेकिन इसका निर्देशन कमजोर था। यही वजह है कि फिल्म को जबरदस्त सफलता मिलना मुश्किल है।