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जेनिफर कॉनेली: 3 दशक बाद भी रोशनी फीकी नहीं पड़ी, कला को हमेशा तरजीह दी

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। जेनिफर कॉनेली की कहानी हॉलीवुड के उन चेहरों में से है जो कभी शोर नहीं मचाते, लेकिन अपनी मौजूदगी से सिनेमा के इतिहास पर एक स्थायी छाप छोड़ जाते हैं। उनके करियर की शुरुआत एक टीन मॉडल से हुई—मैगजीन के कवर, टीवी विज्ञापन और छोटे फोटो शूट। बहुत कम उम्र में, जब हॉलीवुड के ज्यादातर बच्चे कैमरों की चमक में खो जाते हैं, जेनिफर ने शांति से खुद को आकार देना चुना। उनका मन अभिनय की कला में था, न कि शोहरत के शोर में।
जेनिफर कॉनेली: 3 दशक बाद भी रोशनी फीकी नहीं पड़ी, कला को हमेशा तरजीह दी

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। जेनिफर कॉनेली की कहानी हॉलीवुड के उन चेहरों में से है जो कभी शोर नहीं मचाते, लेकिन अपनी मौजूदगी से सिनेमा के इतिहास पर एक स्थायी छाप छोड़ जाते हैं। उनके करियर की शुरुआत एक टीन मॉडल से हुई—मैगजीन के कवर, टीवी विज्ञापन और छोटे फोटो शूट। बहुत कम उम्र में, जब हॉलीवुड के ज्यादातर बच्चे कैमरों की चमक में खो जाते हैं, जेनिफर ने शांति से खुद को आकार देना चुना। उनका मन अभिनय की कला में था, न कि शोहरत के शोर में।

12 दिसंबर 1970 को जन्मी जेनिफर को पहली बड़ी पहचान 1986 की लैब्रिन्थ से मिली, जहां डेविड बॉवी जैसे दिग्गज कलाकार के साथ काम करते हुए वे अचानक दुनिया के सामने आ गईं। लेकिन इस सफलता के बाद भी उनके करियर ने हॉलीवुड की आम कहानी जैसा कोई सीधा रास्ता नहीं अपनाया। कई फिल्में चलीं, कई नहीं चलीं, कई समीक्षकों के बीच गूंज उठीं और कई अनदेखी रह गईं। यह दौर किसी युवा अभिनेत्री को तोड़ सकता था, लेकिन जेनिफर ने खुद को नई तरह से ढालना सीखा—वह चमकती कम थीं, टिकती ज्यादा थीं; और यही गुण बाद में उनकी पहचान बना।

उनकी जिंदगी का सबसे महत्त्वपूर्ण मोड़ आया 2000 में 'रिक्विम फॉर अ ड्रीम' से। यह फिल्म आसान नहीं थी—आवेश, पीड़ा, रिश्तों में दरार और मानसिक अंधेरे से भरी कहानी। जेनिफर ने इसे सिर्फ अभिनय की तरह नहीं निभाया, बल्कि इस किरदार में ढल गईं। इसके बाद आई 'ए ब्युटिफुल माइंड', ऐसी फिल्म जिसने उन्हें ऑस्कर थमाया, लेकिन शायद इससे भी बड़ी बात यह थी कि यह फिल्म उनकी आत्म-विश्वास की पुनर्जन्म कथा बन गई।

हॉलीवुड में, जहां ग्लैमर, विवाद और सनसनी से करियर परिभाषित होते हैं, जेनिफर कॉनेली ने हमेशा शोर से दूरी बनाए रखी। वह हमेशा अपनी फिल्मों, अपनी भूमिकाओं, अपने परिवार और अपने नैतिक संतुलन को महत्व देती रहीं। कई बार उन्होंने बड़े बजट की फिल्में छोड़कर ऐसी कहानियां चुनीं जिनमें दर्द था, संवेग थे, और इंसानी जटिलता थी।

उनकी व्यक्तिगत यात्रा भी कम प्रेरणादायक नहीं। उन्होंने समय के साथ लोकप्रियता, आलोचना, सफलता और गिरावट—सब देखा। मानसिक संतुलन बनाए रखने, खुद को लगातार सुधारने और जीवन के हर मोड़ पर खुद के प्रति ईमानदार रहने के कारण जेनिफर कॉनेली उन दुर्लभ कलाकारों में गिनी जाती हैं जो सिर्फ अच्छी अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक गहरा मानवीय उदाहरण हैं।

आज वह बड़े सुपरहिट प्रोजेक्ट्स जैसे 'टॉप गन: मैवरिक' में भी नजर आती हैं और टीवी पर भी। चैरिटी के भी कई काम करती हैं।

--आईएएनएस

केआर/

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