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'धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है, न पूरे शहर पर छाए तो कहना' Javed Akhtar के जन्मदिन पर पढ़ें इनकी सबसे मशहूर शायरियां

मशहूर शायर, गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर साहब आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में जन्मे जावेद साहब का नाम फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सम्मान से लिया जाता है। जावेद अख्तर न...
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मनोंरजन न्यूज डेस्क !! मशहूर शायर, गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर साहब आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में जन्मे जावेद साहब का नाम फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सम्मान से लिया जाता है। जावेद अख्तर न सिर्फ अपने गानों से बल्कि अपनी शायरी से भी लोगों का दिन जीतते हैं। तो आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर हम उनके द्वारा लिखी गई कुछ कविताएं साझा करने जा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। उनकी शायरी की ये पंक्तियां जिंदगी की नब्ज पकड़ने वाली पंक्तियां हैं, जो दिल पर मरहम की तरह छाप छोड़ जाएंगी।

1.खुदकुशी क्या ग़मों का हल बनती

मौत के अपने भी सौ झमेले थे क्यों डरें ज़िंदगी में क्या होगा
कुछ ना होगा तो ताज़रबा होगा
अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना
सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना

2.बंध गई थी दिल में कुछ उम्मीद सी
ख़ैर तुम ने जो किया अच्छा किया

3.कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं

4.दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं

5.हर खुशी में कोई कमी-सी है
हंसती आंखों में भी नमी-सी है

6.तू तो मत कह हमें बुरा दुनिया
तू ने ढाला है और ढले हैं हम

7.छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था
अब मैं कोई और हूं वापस तो आ कर देखिए

8.मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा 
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूं हारा 

9.दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाए कौन

10.उस की आंखों में भी काजल फैल रहा है 
मैं भी मुड़ के जाते जाते देख रहा हूं

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