क्या है ‘शत्रु संपत्ति’ नियम ? जिसके कारण Saif Ali Khan के हाथो से निकल सकती है 15 हजार करोड़ की संपत्ति, भोपाल में मचा बवाल
गॉसिप न्यूज़ डेस्क - ‘शत्रु संपत्ति’ नियमइन दिनों सैफ अली खान और उनका परिवार लगातार सुर्खियों में है। सैफ का परिवार भोपाल स्टेट के नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति को लेकर भी चर्चा में है। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या सैफ अली खान और उनके परिवार को इस संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा या सरकार इसे 'शत्रु संपत्ति' के तहत जब्त करेगी। लेकिन आइए आपको बताते हैं कि 'शत्रु संपत्ति' क्या है और यह पूरा मामला क्या है।
क्या है पूरा मामला?
भोपाल के ऐतिहासिक अहमदाबाद पैलेस, फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस और इसके आसपास की जमीन इन दिनों विवादों से घिरी हुई है। केंद्र सरकार ने इन संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसा तब हुआ जब सरकार ने वर्ष 2015 में भारत के शत्रु संपत्ति के संरक्षक यानी सीईपीआई के दस्तावेज के आधार पर दावा किया कि भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान चले जाने के कारण उनकी संपत्तियां शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आती हैं।
सैफ की दादी साजिदा सुल्तान की बहन थीं आबिदा
आबिदा सुल्तान सैफ अली खान की दादी साजिदा सुल्तान की बहन थीं जो साल 1950 में पाकिस्तान चली गई थीं। सरकार का कहना है कि आबिदा के पाकिस्तान जाने के बाद इन संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' घोषित किया जा सकता है। सैफ अली खान और उनके परिवार ने इस दावे के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए अपीलीय प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। कोर्ट ने सैफ अली खान और उनके परिवार को सरकार के दावे के खिलाफ अपील करने का मौका दिया है।
सैफ के परिवार का क्या कहना है?
इस मामले पर भोपाल के जिलाधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी और कोर्ट के आदेश के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे विवाद पर भोपाल निवासी अब्दुल्ला खान का कहना है कि 'भोपालियों के लिए यह एक अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा कि भोपाली हमेशा अपने मान, सम्मान और आन की रक्षा करते हैं और जब इस पर सवाल उठेगा तो हम पीछे नहीं हटेंगे. सैफ अली खान और उनके परिवार का कहना है कि आबिदा सुल्तान ने अपने पिता के जीवित रहते ही भोपाल स्टेट की संपत्तियों पर अपना अधिकार छोड़ दिया था। इस कारण ये संपत्तियां 'शत्रु संपत्ति' के दायरे में नहीं आती हैं। भोपाल नवाब की संपत्तियों पर सरकार के रुख की जांच करते हुए इतिहासकार सिकंदर मलिक ने कहा कि यह विवाद नया नहीं है। शत्रु संपत्तियों को लेकर पहले भी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मामले सामने आ चुके हैं। वर्ष 1968 में भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और चीन के नागरिकों द्वारा भारत में छोड़ी गई संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया जाता है।
क्या है शत्रु संपत्ति अधिनियम?
शत्रु संपत्ति अधिनियम वर्ष 1968 में लागू किया गया था, जिसके तहत पाकिस्तान और चीन के नागरिकों द्वारा भारत में छोड़ी गई संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' माना जाता है। इन संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास होता है और इन्हें निजी व्यक्तियों को नहीं सौंपा जा सकता।