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जब बॉलीवुड के सबसे खूंखार विलेन को 20 दिन तक नसीब नही हुई सूरज की रौशनी, जाने Amrish Puri का ये दिलचस्प किस्सा 

जब बॉलीवुड के सबसे खूंखार विलेन को 20 दिन तक नसीब नही हुई सूरज की रौशनी, जाने Amrish Puri का ये दिलचस्प किस्सा 

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क -  अमरीश पुरी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े खलनायकों में से एक माने जाते थे। उनकी दमदार आवाज और डरा देने वाले अंदाज ने सभी को उनका दीवाना बना दिया था। अमरीश पुरी के डायलॉग बोलने का लहजा भी इतना अलग था कि वो जो भी बोलते थे, अपने किरदार में एक नयापन ले आते थे।

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बॉलीवुड के मशहूर 'खलनायक' थे अमरीश पुरी

अमरीश पुरी ने अपने करियर में ज्यादातर नेगेटिव रोल ही किए। सही मायनों में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में तब कदम रखा जब वो 39 साल के थे। आज उनकी 92वीं जयंती है। इस मौके पर हम आपको उनसे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बताएंगे। 1970 में देव आनंद की फिल्म 'प्रेम पुजारी' रिलीज हुई, जिसके साथ ही इंडस्ट्री में एक नया चेहरा भी लॉन्च हुआ। इस फिल्म में अमरीश पुरी का रोल कुछ खास नहीं था, लेकिन 'प्रेम पुजारी' ने उनके लिए बॉलीवुड में एक्टिंग के रास्ते खोल दिए। वो भी तब, जब अमरीश पुरी ने एक्टिंग के प्रति अपने जुनून को दिखाने के लिए अच्छी खासी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। अमरीश पुरी अपनी दमदार आवाज के लिए जाने जाते थे।

22 जून 1932 को पंजाब में जन्मे अमरीश पुरी ने अपने करियर में 400 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम किया. उन्होंने कई फ़िल्मों में पिता का किरदार भी निभाया, लेकिन खलनायक के तौर पर उन्होंने जो छाप छोड़ी, उसे कोई नहीं भूल सकता। दामिनी का 'इंद्रजीत सिंह चड्ढा' हो या नगीना का 'भैरोनाथ', अमरीश पुरी ने हर किरदार से लोगों में खौफ पैदा किया और मनोरंजन भी किया. उनकी एक्टिंग की सबसे कमाल की बात थी उनकी आवाज़ जो डरावने हाव-भाव के साथ-साथ रोंगटे खड़े कर देती थी।

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'मोगैम्बो' के लिए पहली पसंद नहीं थे अमरीश पुरी

अमरीश पुरी की तमाम यादगार फ़िल्मों में एक फ़िल्म 'मिस्टर इंडिया' भी थी। इस फ़िल्म में 'मोगैम्बो' के किरदार को लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं। जिस रोल के लिए अमरीश पुरी को हर तरफ़ से तारीफ़ मिली, उसके लिए वे पहली पसंद नहीं थे। यहां तक ​​कि उन्हें यह रोल उस समय ऑफ़र किया गया था, जब अनुपम खेर के साथ इस रोल की 60 प्रतिशत शूटिंग हो चुकी थी। मेकर्स को अनुपम खेर में 'मोगैम्बो' के तौर पर वो बात नहीं दिख रही थी जो वो देखना चाहते थे। इसलिए इतनी शूटिंग के बाद भी ये रोल अमरीश पुरी को दिया गया और उसके बाद की कहानी अपने आप में इतिहास है।

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नहीं देख पाए सूरज की रोशनी

'मोगैम्बो' के किरदार में ढलने के लिए अमरीश पुरी ने इतनी मेहनत की कि उन्होंने कई दिनों तक सूरज की रोशनी नहीं देखी. वो शूटिंग में इतने व्यस्त थे कि करीब 20 दिनों तक सूरज की रोशनी नहीं देख पाए. मोगैम्बो' के किरदार के लिए अमरीश पुरी ने खूब मेहनत की. इतनी मेहनत की कि अपने डायलॉग के साथ-साथ कॉस्ट्यूम डिजाइन भी उन्होंने ही तय करवाया. उन्होंने ब्लैक आउटफिट में मोगैम्बो का पूरा लुक अपने डिजाइनर माधव से तैयार करवाया। इसके साथ ही घनी भौंहें और बिना दाढ़ी वाला लुक भी अमरीश पुरी का ही आइडिया था।

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