Suraiya Death Anniversary: अपने समय की सबसे हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस थीं सुरैया, इस फिल्म से बदली किस्मत
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मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - सिनेमा में कई कलाकार आए और गए, लेकिन कुछ चुनिंदा सितारे ऐसे भी रहे जो इस दुनिया में न रहकर भी सिनेमा की जड़ों से जुड़े रहे। इन्हीं में से एक नाम है सुरैया. सुरैया की बेहतरीन एक्टिंग हो या सुरीली आवाज, उन्होंने हर बार दर्शकों का दिल जीता है। सुरैया सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार थीं। उनका जलवा किसी को भी दीवाना बना देगा. लोग उनकी खूबसूरती के दीवाने थे. सुरैया को पाने के लिए फैंस ही नहीं बड़े-बड़े एक्टर भी बेताब रहते थे। उन्हें सिनेमा की 'मल्लिका-ए-हुस्न' और 'मल्लिका-ए-अदाकारी' जैसे नामों से बुलाया जाता था। 31 जनवरी को सुरैया की पुण्य तिथि है। इस मौके पर जानिए एक्ट्रेस के करियर के शुरुआती दौर के बारे में...
छोटी सी उम्र में थामा माइक
15 जून 1929 को लाहौर में जन्मी सुरैया का पूरा नाम सुरैया जमाल शेख था। जब वह एक वर्ष की थीं, तब उनके माता-पिता परिवार के साथ मुंबई (बॉम्बे) चले गये। सुरैया के चाचा एम. जहूर फिल्मी दुनिया से ताल्लुक रखते थे। जिस उम्र में बच्चे पढ़ाई या खेलने में मगन रहते हैं, उस उम्र में सुरैया फिल्मी दुनिया में अपना भविष्य बनाने निकल पड़ी थीं। सुरैया ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में एक गायिका के रूप में की। उन्होंने बच्चों के एक कार्यक्रम में गाना गाया था. उस वक्त वह महज 6 साल की थीं। गायकी के साथ-साथ सुरैया की एक्टिंग भी कमाल की थी, जिसका सबूत 'मैडम फैशन' में मिला। उन्होंने जद्दन बाई की फिल्म से बतौर बाल कलाकार काम करना शुरू किया था।
इस फिल्म ने सुरैया की किस्मत बदल दी
सुरैया को फिल्मों का बहुत शौक था. जब भी उन्हें स्कूल से छुट्टियाँ मिलती थीं तो वह अपने चाचा के साथ फिल्म स्टूडियो चली जाती थीं। एक बार वह अपने चाचा के साथ फिल्म 'ताजमहल' (1941) की शूटिंग देखने मोहन स्टूडियो गईं। सुरैया को नहीं पता था कि जिस फिल्म की शूटिंग वह देखने जा रही हैं उसमें उन्हें लीड रोल मिलेगा। सुरैया जब 'ताजमहल' की शूटिंग देखने गईं तो उन पर निर्देशक नानूभाई वकील की नजर पड़ी। एक्ट्रेस के आकर्षण और उनकी मासूमियत को देखकर डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने से खुद को रोक नहीं पाए। इसमें एक्ट्रेस ने मुमताज महल का किरदार निभाया था।
सुरैया की आवाज का जादू फिल्मों में चला
सुरैया में अभिनय के अलावा गायन की भी प्रतिभा थी। जब नौशाद अली ने 13 साल की सुरैया को गाते हुए देखा तो वह उनकी गायकी से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें 'शारदा' (1942) में गाने का मौका दिया। वह सुरैया के गुरु थे। 'तमन्ना', 'स्टेशन मास्टर' और 'हमारी बात' जैसी फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम करने के अलावा उन्होंने इसमें अपनी आवाज भी दी।
हीरोइन बनकर इंडस्ट्री पर राज किया
साल 1945 में सुरैया को बतौर हीरोइन पहला ब्रेक फिल्म 'तदबीर' से मिला। एक्ट्रेस ने देव आनंद के साथ 'विद्या', 'जीत', 'अफसर', 'सनम', 'मिर्जा गालिब', 'इशारा' जैसी फिल्मों में काम किया है। सुरैया ने अपने करियर में कुल 67 फिल्में कीं और 338 गानों में अपनी आवाज दी। सुरैया ने साल 1963 में इंडस्ट्री से ब्रेक ले लिया। पूरी जिंदगी कुंवारी रहीं सुरैया ने 31 जनवरी 2004 को 75 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह कई बीमारियों से पीड़ित थीं।