Nalini Jaywant Death Anniversary: 40s और 50s में हर दिल की धड़कन हुआ करती थी नलिनी, लेकिन मौत की कहानी जान कांप जाएगी रूह
मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - 40 और 50 के दशक की खूबसूरत अभिनेत्री नलिनी जयवंत की आज पुण्यतिथि है। साल 2010 में नलिनी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। अपनी मौत के वक्त नलिनी बिल्कुल अकेली थीं, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था, इसलिए जब उनकी मौत हुई तो उनका शव तीन दिन तक घर में ही पड़ा रहा। नलिनी जयवंत ने कई हिट फिल्मों में काम किया। उन्हें 1941 में आई फिल्म 'बहन' से लोकप्रियता मिली थी।
चाइल्ड एक्टर के तौर पर किया डेब्यू
चाइल्ड एक्टर के तौर पर फिल्मों में डेब्यू करने वाली नलिनी ने मुख्य अभिनेत्री का रोल भी निभाया, लेकिन आखिरी वक्त में न तो उनके परिवार वालों ने और न ही फिल्मी दुनिया से किसी ने उनका साथ दिया। एक समय सफलता के शिखर पर पहुंच चुकी नलिनी अपने आखिरी सालों में गुमनामी में जीने को मजबूर हो गईं।

नलिनी रिश्ते में काजोल की दादी थीं
नलिनी का जन्म 18 फरवरी 1926 को मुंबई में हुआ था। रिश्ते में वह काजोल की दादी शोभना समर्थ की चचेरी बहन थीं। नलिनी जयवंत ने 1941 में 14 साल की उम्र में फिल्म 'राधिका' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। 50 के दशक तक वह 'समाधि' और 'संग्राम' जैसी फिल्मों के जरिए टॉप स्टार बन गईं। अशोक कुमार के साथ उनकी जोड़ी खूब पसंद की गई। नलिनी जयवंत और अशोक कुमार की जोड़ी फिल्म 'काफिला', 'जलपरी', 'लकीरें', 'मिस्टर एक्स' और 'तूफान में प्यार कहां' में नजर आई।

मधुबाला को टक्कर देती थीं नलिनी
खूबसूरती के मामले में नलिनी उस समय की टॉप एक्ट्रेस मधुबाला को भी टक्कर देती थीं। हालांकि 60 के दशक तक नलिनी जयवंत को फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया, जिसके बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया से संन्यास ले लिया और अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त हो गईं।

नलिनी ने की दो शादी
नलिनी ने की दो शादी। उनकी पहली शादी 40 के दशक में निर्देशक वीरेंद्र देसाई से हुई थी। बाद में उन्होंने दूसरी शादी अभिनेता प्रभु दयाल से की। लेकिन उनकी मौत के तीन दिन बाद एक व्यक्ति जो दूर का रिश्तेदार लगता था, आया और नलिनी के शव को एम्बुलेंस में ले गया। वह घर में अकेली रहती थी। अपने आखिरी दिनों में उनके पास खर्च चलाने के लिए भी पैसे नहीं थे।

