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Nadia Death Anniversary: सेल्स गर्ल बनने के लिए बंबई आई थी नादिया, जानिए ऑस्ट्रेलियन हसीना कैसे बनी बॉलीवुड की 'हंटरवाली'

Nadia Death Anniversary: सेल्स गर्ल बनने के लिए बंबई आई थी नादिया, जानिए ऑस्ट्रेलियन हसीना कैसे बनी बॉलीवुड की 'हंटरवाली'

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क -  बड़े पर्दे पर सितारों को एक्शन अवतार में देखना किसे पसंद नहीं होता? विलेन से लड़ना, गाड़ियों के साथ स्टंट करना या आग में कूदना, फिल्मों में सितारे हर तरह का एक्शन करते नजर आते हैं। अब जहां हीरोइनें फिल्मों में खुद एक्शन करती नजर आती हैं, वहीं एक समय ऐसा भी था जब वे इससे दूर भागती थीं। वहीं, 1930-40 के दौर में एक ऐसी एक्ट्रेस भी थीं जो एक्शन सीन करने से कभी पीछे नहीं हटती थीं। बिना किसी हार्नेस के वह ऊंचाई से कूदती थीं, झूमर से झूलती थीं, आग से खेलती थीं और कभी-कभी चलती ट्रेन के ऊपर आदमियों से भिड़ जाती थीं। इस एक्ट्रेस का नाम था नादिया, जिन्हें 'फियरलेस नादिया' के नाम से जाना जाता था।

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पिता की पोस्टिंग के बाद वह बॉम्बे आ गईं
फिल्मों में अपने अभिनय से सबको हैरान करने वाली नादिया का असली नाम मैरी एन इवांस था। 8 जनवरी 1908 को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में जन्मी नादिया ने 1996 में अपने जन्मदिन के एक दिन बाद यानी 9 जनवरी को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। नादिया के पिता स्कॉटिश थे और ब्रिटिश सेना में स्वयंसेवक थे। उनकी मां ग्रीक थीं। जब नादिया एक साल की थीं, तब उनके पिता का तबादला बॉम्बे (मुंबई) हो गया था, तभी वह पहली बार यहां आईं। इसके बाद प्रथम विश्व युद्ध में उनके पिता की मौत हो गई और वह अपने परिवार के साथ मुंबई आ गईं।

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पाकिस्तान में सीखी घुड़सवारी
उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (जो अब पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा है) में नादिया ने बंदूक चलाना, शिकार करना, मछली पकड़ना और घोड़े की सवारी करना सीखा। उस समय नादिया को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वह भविष्य में क्या करने वाली हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने अपने शरीर को मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत की और इससे उन्हें बाद में काफी मदद मिली। फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें अपने परिवार के साथ मुंबई लौटना पड़ा। यहां उन्होंने बॉम्बे में आर्मी और नेवी स्टोर में सेल्स गर्ल के तौर पर काम किया। नादिया बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वो रूसी डांसर मैडम एस्ट्रोवा के ग्रुप में शामिल हो गईं, जो भारत के राजघरानों की महफिलों में परफॉर्म करती थीं।

ऐसे बनी मैरी नादिया
मैडम एस्ट्रोवा के ग्रुप में रहने के दौरान मैरी एन इवांस को नादिया नाम मिला। दरअसल, अर्मेनियाई ज्योतिषी ने उनसे कहा था कि सफलता उनका इंतजार कर रही है, इसलिए उन्हें अपना नाम 'एन' से शुरू करना होगा। इसके बाद उन्होंने नादिया नाम इसलिए चुना क्योंकि भारतीयों को ये आसानी से समझ में आ जाता था और सुनने में भी अच्छा लगता था। ज्योतिषी की भविष्यवाणी सच हुई और बाद में नादिया काफी मशहूर हो गईं। हालांकि, फिल्मों में आने के बाद कुछ लोगों ने उन्हें अपना नाम बदलकर नंदा देवी रखने की सलाह दी थी। लेकिन नादिया ने इससे साफ इनकार कर दिया। वहीं, ग्रुप में रहते हुए वो कलाबाजियों में माहिर हो गईं।

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'हंटरवाली' बनकर चमकी किस्मत

इसके बाद लाहौर के एक सिनेमा हॉल के मालिक की नजर नादिया पर पड़ी और उन्होंने वाडिया ब्रदर्स को नादिया के बारे में बताया। नादिया जब वाडिया ब्रदर्स के स्टूडियो पहुंची तो वे उसका वेस्टर्न चेहरा देखकर हैरान रह गए। इसके बाद उन्होंने नादिया को शुरुआत में छोटे-मोटे रोल दिए, जिसके लिए उन्हें 60 रुपए महीने का भुगतान किया गया। इसके बाद फिल्म 'हंटरवाली' आई, जिसने नादिया को स्टार बना दिया। फिल्म में नादिया को देखकर हर जगह हलचल मच गई। उन्हें घोड़े पर सवार, पुरुषों से लड़ते देख हर कोई हैरान रह गया। उनकी निडरता एक ट्रेडमार्क बन गई और वे नादिया से 'फियरलेस नादिया' बन गईं।

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