Ileana D'Cruz Birthday: साउथ से लेकर बॉलीवुड तक में धूम मचा चुकी है इलियाना, इस वजह खुद के शरीर से करने लगी थी नफरत
मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - बड़े पर्दे की खूबसूरत अभिनेत्री इलियाना डिक्रूज का जन्म 1 नवंबर 1987 को मुंबई में रोनाल्डो डिक्रूज और समीरा डिक्रूज के घर हुआ था। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया था। दरअसल, इलियाना ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी और महज 19 साल की उम्र में उन्हें एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने का मौका मिल गया था। इलियाना ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साउथ इंडियन फिल्मों से की थी। उनकी पहली फिल्म 'देवसु' थी, जिसके लिए उन्हें साउथ की बेस्ट न्यूकमर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी दिया गया था।
इन फिल्मों में दिखा चुकी हैं अपना हुनर
देवसु के बाद इलियाना ने 'पोकिरी', 'किक', 'जुलाई' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। साउथ में सफलता के झंडे गाड़ने के बाद इलियाना डिक्रूज ने बॉलीवुड का रुख किया। उनकी पहली हिंदी फिल्म 'बर्फी' थी, जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी। अनुराग बसु द्वारा निर्देशित इस फिल्म के लिए इलियाना को बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस के चार अवॉर्ड मिले थे। इसके बाद वह 'मैं तेरा हीरो', 'रेड' और 'बादशाहो' आदि फिल्मों में नजर आईं। उन्हें आखिरी बार अभिषेक बच्चन के साथ 'द बिग बुल' में देखा गया था।
इलियाना को है नींद में चलने की आदत
अपनी अदाओं से लोगों को दीवाना बनाने वाली इलियाना डिक्रूज सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। उन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं। कुछ साल पहले एक्ट्रेस ने ट्विटर पर अपने बारे में कुछ ऐसा बताया था, जिसके बाद हर कोई हैरान रह गया था। इलियाना ने खुलासा किया था कि उन्हें नींद में चलने की आदत है। एक्ट्रेस ने अपने पोस्ट में लिखा था कि उन्होंने लगभग मान लिया है कि वह रात में नींद में चलती हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर वह नींद में नहीं चलती हैं, तो सुबह उन्हें पैरों में सूजन और घाव क्यों दिखते हैं।
इलियाना को है अपने शरीर से नफरत
आपको हैरानी होगी कि इलियाना डिक्रूज को अपने शरीर से बेहद नफरत है। दरअसल, उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था। इलियाना ने बताया था कि उन्हें अपना शरीर पसंद नहीं है। ऐसे में वह कभी भी खुद को आईने में नहीं देखना चाहती थीं। इस मामले में विशेषज्ञों ने बताया था कि यह एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जिसमें संबंधित व्यक्ति को अपने शरीर में खामियां नजर आती हैं। इससे पीड़ित लोगों का शरीर चाहे कितना भी सुंदर और आकर्षक क्यों न हो, वे हमेशा खुद में खामियां ढूंढते रहते हैं।