पहली बॉलीवुड फिल्म ने पहुंचाया की सफलता की चोटी पर! जानें उस फिल्म मेकर के बारे में जिसकी फिल्म रिलीज के दिन हुई थी की मौत?
बॉलीवुड में जब भी कोई फिल्म हिट होती है, तो आमतौर पर हीरो-हीरोइन और निर्देशक की खूब सराहना होती है। निर्देशक किसी भी फिल्म की रीढ़ होता है, उसकी सोच, विजन और नेतृत्व ही तय करता है कि फिल्म दर्शकों के दिलों तक पहुँच पाएगी या नहीं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी निर्देशक के जीवन का आखिरी दिन उसकी फिल्म की रिलीज़ की तारीख हो सकती है? ऐसी ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना 1975 में घटी, जब एक मराठी फिल्म निर्माता अपनी पहली हिंदी फिल्म की रिलीज़ के बाद दुनिया को अलविदा कह गया।
वह कौन सी फिल्म थी?
यह किस्सा 28 जुलाई 1975 को रिलीज़ हुई सुनील दत्त और आशा पारेख अभिनीत फिल्म 'जख्मी' से जुड़ा है। इस फिल्म का निर्माण ताहिर हुसैन (आमिर खान के पिता) ने किया था, जबकि निर्देशन की बागडोर मराठी सिनेमा के जाने-माने निर्देशक राजा ठाकुर ने संभाली थी। यह उनकी पहली हिंदी फिल्म थी। 'जख्मी' में राकेश रोशन, रीना रॉय, हेलेन और जॉनी वॉकर भी थे।
फिल्म की कहानी कैसी थी?
फिल्म की कहानी एक ऐसे शख्स के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे अपनी शादी की रात अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या के जुर्म में जेल भेज दिया जाता है। फिल्म में राकेश रोशन ने सुनील दत्त के छोटे भाई का किरदार निभाया था, जबकि रीना रॉय उनकी प्रेमिका के रूप में दिखाई दी थीं। दुर्भाग्य से, जिस दिन 'जख्मी' सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई, उसी दिन इसके निर्देशक राजा ठाकुर का भी निधन हो गया। यह एक दुर्लभ और बेहद दुखद संयोग था कि अपनी पहली हिंदी फिल्म की सफलता का स्वाद चखने से पहले ही वह इस दुनिया से चले गए।
सेट पर दूसरी मौत, चोट लगने से
इतना ही नहीं, इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक दुखद घटना भी घटी। बॉडी डबल रहे फैजल खान की एक स्टंट सीन के दौरान मौत हो गई। शूटिंग के दौरान एक स्टंट करते समय सीने में गंभीर चोट लगने से उनकी जान चली गई। इस हादसे ने सेट पर मौजूद सभी लोगों को झकझोर कर रख दिया। 'जख्मी' का संगीत भी बहुत लोकप्रिय हुआ था। इसमें लता मंगेशकर ने "जिंगल बेल, जिंगल बेल" गाना गाया था, जो उस समय बहुत हिट हुआ था। यह फिल्म लगभग 1.2 करोड़ रुपये के बजट पर बनी थी और इसने बॉक्स ऑफिस पर 3.2 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जो उस समय के लिए एक बड़ी सफलता मानी जाती थी।

