nanda
नंदा का जन्म 8 जनवरी 1939 ने कोल्हापुर में हुआ । नंदा का जन्म एक फ़िल्मी परिवार में हुआ। नंदा जब आठ साल की थी तब उनके पिता का देहांत हो गया था। उनके परिवार ने बहुत मुश्किल वक्त देखा। अपने परिवार की मदद करने के लिए नंदा ने कम उम्र से है फिल्मो में काम करना शुरू कर दिया। एक बाल कलाकार के रूप में नंदा कई फिल्मो में काम किया। 1948 में आई फिल्म मंदिर से उन्होंने बॉलीवुड में अपना कदम रखा । उन्हें सब बेबी नंदा के नाम से जानने लगे। फिल्मो में काम करके अपने परिवार को सहारा देने की वजह से उनकी पढाई का काफी नुकसान होने लगा।

नंदा के फ़िल्मी सफ़र की अगर बात करे तो 1948 में आई फिल्म मंदिर से उनके सफ़र की शुरुवात हुई कई फिल्मो में बाल कलाकार की भूमिका में वह काम करती रही। नंदा को बड़ी कमियाबी फिल्म तूफ़ान और दिया से मिली इस फिल्म से उनके नाम चर्चा में आने लगा। 1959 में आई फिल्म छोटी बहन ने नंदा को रातो रात स्टार बना दिया। उस फिल्म के बाद नंदा के पास फिल्मो की लाइन लग गयी। हिंदी फिल्मो के साथ साथ नंदा ने मराठी फिल्मो में भी काफी काम किया और तारीफे बटोरी।

नंदा की फिल्मो की बात करे तो उन्होंने कई सुपर हित फिल्मो में काम किया। धूल का फूल, दुल्हन, भाभी, जब जब फूल खिले, गुमनाम, शोर, परिणीता, और प्रेम रोग , कल आज और कल , हम दोनो , कानून , अपना घर , तीन देवीं , गुमनाम , बड़ी दीदी , रूठा न करो , थे ट्रेन , अधिकार आदि फिल्मो में उन्होंने काम किया नंदा अपने समय की सबसे पैसे लेने वाली अभिनेत्रियों में से एक थी।

नंदा की निजी जिंदगी की अगर बात करे तो निर्देशक सूरज प्रकाश ने नंदा की माँ से अपनी और नंदा की शादी की बात राखी लेकिन उनकी बात आगे नहीं बढ़ी। नंदा ने 1992 में निर्देशक मनमोहन देसाई से सगाई कर ली। लेकिन शादी से पहले ही मनमोहन देसाई की छत से गिर कर मौत हो गयी। उसके बात नंदा ने शादी नहीं की और अपनी पूरी उम्र मुंबई में अपने फिल्मो दोस्तों के साथ गुजारी।
25 मार्च 2014 को नंदा ने दुनिया को अलविदा कह दिया, हार्ट अटैक के चलते 75 साल की उम्र में नंदा का निधन हो गया। नंदा सदेव हमारी यादों में जीवित रहेगी। उन्होंने अपने अभिनय से इस दुनिया में एक अलग छाप छोड़ दी है जिसे मिटाया नहीं जा सकता।

