Samachar Nama
×

मदर्स डे विशेष: मां के किरदार में खूब पसंद की गईं फरीदा जलाल समेत ये अभिनेत्रियां

मां के प्रेम और ताकत की बात चाहे असल जिंदगी में हो या फिल्मों में, उसकी खूबसूरती और प्रभाव हमेशा सब पर अपनी छाप छोड़ते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में कई अभिनेत्रियों ने मां के किरदार को बड़े पर्दे पर निभाकर अपनी पहचान...
मदर्स डे विशेष: मां के किरदार में खूब पसंद की गईं फरीदा जलाल समेत ये अभिनेत्रियां

मां के प्रेम और ताकत की बात चाहे असल जिंदगी में हो या फिल्मों में, उसकी खूबसूरती और प्रभाव हमेशा सब पर अपनी छाप छोड़ते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में कई अभिनेत्रियों ने मां के किरदार को बड़े पर्दे पर निभाकर अपनी पहचान बनाई। आज भी हम कई पुरानी फिल्मों को देख कर यह कहते हैं, "मां तो मां होती है..."

मां के किरदार को पर्दे पर उतारने वाली अभिनेत्रियों में कुछ का योगदान अतुलनीय है, और उनके अभिनय ने सिनेमा के इतिहास को खास बना दिया। हालांकि हम मां के बारे में कोई एक खास दिन में बात नहीं कर सकते, लेकिन 11 मई को मदर्स डे पर हम उन अभिनेत्रियों के अभिनय को याद करते हैं जिन्होंने मां के किरदार को अनूठे तरीके से पर्दे पर जीवित किया।

निरूपा रॉय: पर्दे पर मां का असल रूप

फिल्म इंडस्ट्री में मां के किरदार में निरूपा रॉय का नाम सबसे पहले लिया जाता है। उनके अभिनय ने सिनेमा की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उन्होंने देवानंद, अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसी बड़ी हस्तियों के साथ मां के किरदार को खूबसूरती से निभाया। उनका अभिनय आज भी दर्शकों के दिलों में बसता है। उनकी सबसे यादगार भूमिका "दीवार" फिल्म में थी, जहां उन्होंने अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की मां का किरदार निभाया था।

नरगिस: 'मदर इंडिया' में मां का अमिट रूप

नरगिस ने 1957 की फिल्म "मदर इंडिया" में अपनी सशक्त मां के किरदार से सिनेमा की दुनिया को नया आयाम दिया। इस फिल्म ने न केवल फिल्म इंडस्ट्री को प्रभावित किया, बल्कि ऑस्कर तक नामांकित भी हुई। उनकी मां की भूमिका न केवल प्यारी, बल्कि साहसी और मजबूत थी, जिसने मां की परिभाषा को बदलकर रख दिया।

रीमा लागू: हर रंग में मां का रूप

अभिनेत्री रीमा लागू ने फिल्मों में मां के हर रंग को पर्दे पर उतारा। कभी सख्त, तो कभी कोमल, उनकी मां की भूमिका ने दर्शकों का दिल जीता। "हम आपके हैं कौन", "हम साथ-साथ हैं" जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने साबित कर दिया कि वे पर्दे पर मां की भूमिका निभाने में सक्षम थीं।

फरीदा जलाल: ममता भरी भूमिका

फरीदा जलाल की मीठी आवाज और भोलेपन ने उनकी मां के किरदार को खास बना दिया। "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे", "चोरी-चोरी चुपके-चुपके" जैसी फिल्मों में उन्होंने सजीव ममता की भूमिका निभाई, जो आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है।

अरुणा ईरानी: पर्दे पर मां का हर रूप

अरुणा ईरानी का नाम भी फिल्म इंडस्ट्री में मां के किरदार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कई फिल्मों में सौतेली और सरल मां की भूमिका निभाई और दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। "बेटा", "औलाद" जैसी फिल्मों में उनका अभिनय अविस्मरणीय रहा।

Share this story

Tags