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2.25 करोड़ में बनी ऐसी बॉलीवुड फिल्म, जिसकी आंधी में उड़ गया था बॉक्स ऑफिस, साउथ में तो 2-2 बार बनी रीमेक 

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31 साल पहले यानी 22 जुलाई 1994 को रिलीज हुई फिल्म ‘क्रांतिवीर’ ने हिंदी सिनेमा में एक नया अध्याय लिखा था। यह एक्शन-ड्रामा फिल्म थी जिसमें भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय की कहानी बयां की गई थी। लेकिन इस फिल्म में जो सबसे ज्यादा यादगार रहा वह था नाना पाटेकर की जबरदस्त एक्टिंग और खासकर फिल्म का क्लाइमैक्स सीन, जो दर्शकों के दिलों-दिमाग में अमर हो गया। खास बात यह है कि वह क्लाइमैक्स सीन स्क्रिप्ट में कभी लिखा ही नहीं गया था, बल्कि नाना पाटेकर ने अपनी प्रतिभा और जज्बे से उसे इतना यादगार बना दिया कि आज भी लोग उसे चर्चा में रखते हैं।

‘क्रांतिवीर’ की कहानी और कलाकार

‘क्रांतिवीर’ का निर्देशन और प्रोडक्शन मेहुल कुमार ने किया था। फिल्म में नाना पाटेकर मुख्य भूमिका में थे, जिनके अलावा डिंपल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी, परेश रावल, फरीदा जलाल, डैनी और मेहुल कुमार भी नजर आए थे। फिल्म भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आम आदमी के संघर्ष को दिखाती है, जिसने सिस्टम को बदलने की ठानी।

बॉक्स ऑफिस पर ‘क्रांतिवीर’ की धमाकेदार सफलता

फिल्म का बजट करीब 2 करोड़ रुपए था, जबकि worldwide इसका कलेक्शन 14.81 करोड़ रुपए था। सिर्फ भारत में ही इस फिल्म ने 14.60 करोड़ रुपए की कमाई कर एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई। यह उस दौर के लिए बहुत बड़ी सफलता थी और दर्शकों के बीच इस फिल्म ने खास जगह बनाई।

आज की डिजिटल दुनिया में आप ‘क्रांतिवीर’ को अमेजॉन प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं, जहां इस क्लासिक फिल्म को नए दर्शक भी देख पा रहे हैं।

नाना पाटेकर का खास इंटरव्यू और अनसुना किस्सा

इस साल जनवरी में नाना पाटेकर ने लल्लनटॉप को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि ‘क्रांतिवीर’ उनकी करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म थी। खास बात यह थी कि फिल्म का क्लाइमैक्स सीन स्क्रिप्ट में लिखा नहीं गया था। उस वक्त नाना पाटेकर बीमार थे, लेकिन शूटिंग करनी थी क्योंकि प्रोड्यूसर को नुकसान उठाना पड़ सकता था।

प्रोड्यूसर ने शुरुआत में इस सीन की शूटिंग से मना कर दिया था। लेकिन नाना पाटेकर ने उनकी बात नहीं मानी और डायरेक्टर से सीन को समझकर उसे शूट किया। सेट पर नाना पाटेकर ने अपने अनुभव और इमोशन्स का पूरा इस्तेमाल करते हुए एक ऐसा सीन दिया कि वह सीन फिल्म का सबसे यादगार हिस्सा बन गया।

क्लासिक सीन की खासियत

फिल्म के उस क्लाइमैक्स सीन में नाना की जो अभिव्यक्ति और डायलॉग डिलीवरी थी, उसने दर्शकों को पूरी तरह बांध लिया। नाना की यह एक्टिंग इतनी प्रभावशाली थी कि वह सीन भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक यादगार पल बन गया।

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