Jaipur Loksabha Election 2024 Result चौथे राउंड की मतगणना जारी, भाजपा की मंजू शर्मा 95291 वोटों से आगे
राजस्थान न्यूज डेस्क !!! जयपुर शहर लोकसभा सीट पर चौथे दौर की गिनती जारी है. कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास को 202127 वोट मिले हैं. वहीं, बीजेपी की मंजू शर्मा को 297418 वोट मिले हैं. मंजू शर्मा 95291 वोटों से आगे चल रही हैं. राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के चुनाव नतीजों के लिए वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है. इनमें जालोर-सिरोही, बाड़मेर-जैसलमेर और झालावाड़-बारां हॉट सीट हैं. सभी की निगाहें उनके नतीजों पर हैं. ताजा अपडेट पढ़ने के लिए सीट के नाम पर क्लिक करें....
जयपुर शहर लोकसभा सीट पर चौथे दौर की गिनती जारी है. कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास को 202127 वोट मिले हैं. वहीं, बीजेपी की मंजू शर्मा को 297418 वोट मिले हैं. मंजू शर्मा 95291 वोटों से आगे चल रही हैं. साल 2008 के परिसीमन में बनी इस लोकसभा सीट पर हालांकि पहला चुनाव 2008 में कांग्रेस ने जीता था, लेकिन उसके बाद साल 2014 और 2019 में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई. दोनों बार इसी सीट से डाॅ. मनोज राजोरिया सांसद चुने गए. 2019 के चुनाव में मनोज राजोरिया को कुल 5 लाख 26 हजार 443 वोट मिले. जबकि उनके प्रतिद्वंदी उम्मीदवार कांग्रेस के संजय कुमार जाटव को 4 लाख 28 हजार 761 वोट मिले.
इस सीट से बहुजन समाज पार्टी ने भी उम्मीदवार उतारा था, लेकिन बसपा महज 25 हजार वोटों पर सिमट गयी. इस बार करौली धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल पंजीकृत पुरुष मतदाता करीब 8 लाख 45 हजार 665 हैं और महिला मतदाताओं की संख्या भी 7 लाख तीन हजार है.
कहां कितनी हुई वोटिंग
आठ विधानसभा सीटों वाली इस लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 55.41 प्रतिशत मतदान भी धौलपुर में हुआ. इसी कड़ी में जिले के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में 51.25 प्रतिशत, बसेड़ी में 50.10 प्रतिशत और राजाखेड़ा में 53.25 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं, करौली जिले में सबसे ज्यादा वोटिंग हिंडौन विधानसभा क्षेत्र में 50 फीसदी हुई. वहीं, करौली में 47.21 फीसदी, टोडाभीम में 46.30 और सपोटरा में 43.20 फीसदी मतदान हुआ.
कम वोटिंग क्यों?
इस लोकसभा सीट पर वोटिंग प्रतिशत में गिरावट के कई मायने निकाले जा रहे हैं. हालाँकि, इसका एक कारण खेती और शादी-ब्याह का मौसम और तेज़ गर्मी भी है। दरअसल 19 अप्रैल को जब इस लोकसभा सीट पर वोटिंग चल रही थी तो उस दिन काफी गर्मी थी. उस दिन कई लोग शादी समारोह में व्यस्त होने के कारण बूथ पर नहीं पहुंचे. खेती-किसानी में व्यस्त रहने के कारण खासकर ग्रामीण इलाकों में मतदाता बूथों तक कम ही पहुंच पाये.