18 अक्टूबर को जारी शिक्षा मंत्रालय के विज्ञापन में कहा गया है कि इन पदों के लिए एक आवेदक को पीएच.डी. होना आवश्यक है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक विशेष मामलों में इंजीनियरिंग के अलावा विज्ञान, गणित या प्रबंधन डिग्री वाले उम्मीदवारों पर विचार किया जा सकता है। जारी किए गए विज्ञापन में कहा गया है कि उम्मीदवार के पास एक उत्कृष्ट अकादमिक रिकॉर्ड होना चाहिए।
उम्मीदवार को प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग या प्रौद्योगिकी संस्थान या विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में न्यूनतम 10 साल का शिक्षण अनुभव होना चाहिए।
आवेदन की अंतिम तिथि 6 दिसंबर 2021 तक आवेदक की आयु 60 वर्ष से कम होनी चाहिए। इन सब योग्यताओं पर खरे उतरने वाले आवेदनों की जांच एक विशेष पैनल द्वारा की जाएगी। पैनल द्वारा प्रत्येक संस्थान के लिए तीन नाम भारत के राष्ट्रपति के कार्यालय को भेजे जाएंगे। राष्ट्रपति प्रत्येक संस्थान के लिए भेजे गए तीन नामों में से अंतिम नाम का निर्णय करेंगे।
गौरतलब है कि आईआईटी इंदौर और मंडी में पूर्णकालिक निदेशक नहीं हैं। आईआईटी दिल्ली के निदेशक का कार्यकाल भी अप्रैल 2021 में समाप्त हो गया, वह अभी विस्तार पर सेवा दे रहे हैं। उधर आईआईटी भुवनेश्वर भी अप्रैल 2020 से पूर्णकालिक निदेशक की प्रतीक्षा कर रहा है।
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के उपरांत लगातार रिक्त पदों को भरने की कवायद तेज की है। इस सिलसिले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से भी मुलाकात कर चुके हैं।
प्रधान ने इस दौरान, केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अक्तूबर, 2021 तक 6229 रिक्त पदों को भरने के लिए मिशन-मोड पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही आग विभिन्न आईआईटी संस्थानों में भी निदेशक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जा रही है।
दिल्ली न्यूज डेस्क !!!
--आईएएनएस
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