जानें कैसे तय होता है इंसानों का ब्लड ग्रुप! और क्या होते हैं इसके पीछे के जेनेटिक कारण, जाने पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया
हर इंसान के खून में एक यूनिक बायोलॉजिकल सिग्नल होता है, जिसे हम ब्लड ग्रुप के नाम से जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप कैसे तय होता है? यह कैसे तय होता है कि कोई नेगेटिव है या पॉजिटिव?
1. पहचान
ब्ल ब्लड ग्रुप की पहचान लाइफस्टाइल या डाइट से तय नहीं होती, बल्कि यह जन्म से पहले ही हमारे DNA में मौजूद होती है।
2. माता-पिता दोनों से मिले जीन्स
जब बच्चा गर्भ में आता है, तो माता-पिता दोनों से मिले कुछ खास जीन्स यह तय करते हैं कि उसका ब्लड ग्रुप A, B, AB, या O होगा, और वह पॉजिटिव होगा या नेगेटिव।
3. ABO जीन
बच्चों को हर माता-पिता से एक ABO जीन मिलता है। ये जीन्स मिलकर तय करते हैं कि ब्लड ग्रुप A, B, AB, या O होगा। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि O जीन रिसेसिव होता है।
4. O जीन की ज़रूरत
इसलिए, इस ब्लड ग्रुप को बनाने के लिए दो O जीन्स की ज़रूरत होती है, जबकि A और B डोमिनेंट होते हैं।
5. ABO ग्रुप की पहचान
ABO ग्रुप की पहचान इस बात से होती है कि रेड ब्लड सेल्स की सतह पर कौन से एंटीजन - छोटे प्रोटीन मार्कर - मौजूद हैं। A एंटीजन की मौजूदगी का मतलब है ग्रुप A, B एंटीजन का मतलब है ग्रुप B, दोनों का मतलब है AB, और दोनों की गैरमौजूदगी का मतलब है ग्रुप O।

