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Varanasi  पढ़ाई संग रोजगार की चाह में युवा पकड़ रहे ओपन स्कूल की राह

Raipur लोगों को रोजगार मिलने के खुले रास्ते: 5 साल में राज्य में 761 नई चावल मिलें स्थापित हुईं

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  आज के युवा के लिए सही शिक्षा और रोजगार सबसे बड़ी चुनौती है. इंटरमीडिएट के बाद बैचलर, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी जैसी संस्थागत डिग्रियों मं  अगले 10 साल का समय लगाने के बाद नौकरी की चिंता और दौड़भाग के कारण युवा अब रोजगार के साथ पढ़ाई की चाह में ओपन स्कूल की राह पकड़ चुके हैं. बीते वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो बनारस के विश्वविद्यालयों में सीटें खाली रह गई हैं, जबकि ओपन स्कूल में हर साल पंजीकरण की संख्या बढ़ रही है.

बनारस में इग्नू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) और उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र हैं. बीएचयू स्थित इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र से 19 जिले और राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र से सात जिलों के अध्ययन केंद्र संबद्ध हैं. वैश्विक महामारी कोविड के बाद ऑनलाइन कक्षाओं पर भरोसा बढ़ने के बाद दोनों मुक्त विश्वविद्यालयों में आवेदन और प्रवेश की भरमार हो गई है. स्नातक या स्नातकोत्तर के बाद विशिष्ट पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा या कौशल कोर्सेज करने वाले आवेदकों की भरमार है.

आंकड़ों पर गौर करें तो दोनों ही मुक्त विश्वविद्यालयों में कोविड काल के बाद से ही प्रवेश की संख्या हर साल बढ़ी है. बीए, बीएससी जैसे परंपरागत कोर्सेज के साथ ही यहां तकनीकी विशेषज्ञता, नवाचार और कौशल विकास जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वालों की भरमार है. इन पाठ्यक्रमों में नौकरीपेशा ही नहीं बल्कि सरकारी और निजी क्षेत्रों की कंपनियों अधिकारी प्रवेश लेते हैं.

डॉ. जयप्रकाश ने यूएस में प्रस्तुत किया शोधपत्र

बीएचयू के पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान के डॉ. जयप्रकाश वर्मा ने यूएसए के सेंट लुइस मिसौरी स्थित डोनाल्ड डैनफोर्थ प्लांट साइंस सेंटर में शोधपत्र प्रस्तुत किया. सम्मेलन-2024 में डॉ. वर्मा ने चने के उत्पादन को बढ़ाने पर माइक्रोबायोम के उपयोग पर पेपर पढ़ा. इस सम्मेलन के माध्यम से डॉ. वर्मा अनुसंधानकर्ताओं और वैज्ञानिकों के साथ और अधिक सहयोगात्मक अनुसंधान विकसित करेंगे.

 

 

वाराणसी न्यूज़ डेस्क

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