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Varanasi  नर्सिंग ऑफिसर की मौत पर इमरजेंसी के बाहर धरना

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   आईएमएस बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के सीसीयू (क्रिटिकल केयर यूनिट) वार्ड में तैनात 27 वर्षीय नर्सिंग ऑफिसर खेम सिंह की  मौत हो गई. ड्यूटी के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया था. एक महीने में ड्यूटी के दौरान दूसरी मौत से नर्सिंग ऑफिसरों में आक्रोश है. उन्होंने इमरजेंसी के बाहर धरना दिया. नर्सिंग अफसरों का आरोप है कि उन पर काम का दबाव अधिक है. उन्होंने मृतक के आश्रित को पांच करोड़ का मुआवजा और अनुकंपा में परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.

भरतपुर (राजस्थान) के निवासी खेम सिंह की रात में सीसीयू में ड्यूटी थी. सुबह छह बजे जब वार्ड बॉय किसी काम से उन्हें ढूंढ़ने लगा तो वह नहीं मिले. इसके बाद बाथरूम में गया. गेट अंदर से बंद था. काफी देर तक खटखटाने के बाद जब नहीं खुला तो गेट को तोड़कर अंदर गया. खेम सिंह अचेत पड़े थे. वार्ड बॉय ने खुद ही सीपीआर दिया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. डॉक्टरों का कहना है कि हृदय घात से मौत हुई है. एक महीना पहले भी कर्नाटक निवासी सीनियर नर्सिंग ऑफिसर रामेश कामले की मौत हो गई थी.  की घटना के बाद धरना दे रहे लोगों को मनाने उप कुलसचिव डॉ. रश्मि रंजन, प्रभारी एमएस प्रो. अंकुर सिंह गए थे लेकिन वे नहीं माने. बाद में आईएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार वहां पहुंचे और नर्सिंग अफसरों की मांगें पूरा कराने का आश्वसन दिया.

लगातार दो सप्ताह से चल रही थी नाइट ड्यूटी

नर्सिंग ऑफिसर राकेश कुमार ने बताया कि खेम सिंह ने इमरजेंसी में एक सप्ताह नाइट ड्यूटी की थी. इसके बाद सीसीयू वार्ड में नाइट ड्यूटी लगा दी गई. एक महीने में एक सप्ताह नाइट ड्यूटी अनिवार्य है. महीने में चार छुट्टी मिलती है.

तीन साल बाद भी नहीं हुए थे नियमित

नर्सिंग ऑफिसरों ने आरोप लगाया कि नियम के मुताबिक ज्वाइनिंग के छह माह में नियमित स्टाफ होने का प्रमाणपत्र मिलना चाहिए लेकिन चार-चार साल बीतने पर भी खेम सिंह को नियमित नहीं किया गया. उनकी नियुक्ति 2021 में हुई थी.

मामले में विभागीय जांच होगी.  अस्पताल बंद है.  को कमेटी गठित की जाएगी. सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला जाएगा. मरीज की पूरी हिस्ट्री ली जाएगी.

-प्रो. अंकुर सिंह, प्रभारी एमएस सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू

 

 

वाराणसी न्यूज़ डेस्क

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