Samachar Nama
×

Varanasi  बिहार और बंगाल तक में हैं बनारसी सेवईं के शौकीन

आप भी सेवईं से बना सकती हैं इतनी सारी डिश, जानिए !

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  बनारस की सेवईं की क्वालिटी भई वाह. त्योहार ही नहीं अन्य दिनों में भी इसकी मांग रहती है. ईद तो सेवईं बिना अधूरी रहती है. रमजान शुरू होते ही सेवईं बाजार गुलजार हो जाता है. इस बार भी कमोवेश यही स्थिति है.

बनारस में बनी सेवईं बिहार और बंगाल तक भेजी जाती है. भदऊं चुंगी के पास स्थित कारखाना में शिफ्टवाइज कर्मचारी सेवईं तैयार कर रहे हैं. रोज दो सौ कुंतल की डिमांड है. कारोबारियों को उम्मीद है कि इस रमजान 10 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होगा.

कुटीर उद्योग के रूप में यहां का सेवईं कारोबार मजबूत पकड़ रखता है. भदऊं चुंगी क्षेत्र में 50 से 60 परिवार अपने पूर्वजों के इस उद्योग को बढ़ा रहे हैं. यूं तो यहां बारहों महीने सेवईं बनाई जाती है लेकिन रमजान में इसमें तेजी आ जाती है. वाराणसी सेवई गृह उद्योग के अध्यक्ष सच्चे लाल अग्रहरी ने बताया कि यहां से आस-पास के जिलों के अलावा बिहार और बंगाल तक सेवईं सप्लाई हो रही है. एक कारोबारी के यहां से इन दिनों रोज तीन से चार कुंतल सेवईं की बिक्री हो रही है. उन्होंने करीब 10 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद जताई है.

मैदा और घी ने बढ़ाया रेट मैदा और घी महंगा होने से इस बार सेवईं का रेट पांच से दस रुपये किलो बढ़ गया है. व्यापारी मनोहर लाल ने बताया कि जीरो (रुमाली) सेवईं 50 से 55 रुपये किलो है. डबल जीरो (किमामी) 55 से 60 रुपये किलो पहुंच गई है.

जरूरतमंदों की करें भरपूर मदद

हाजी सगीर अहमद ने कहा कि रमजान मुकद्दस महीना है. रोजे में न केवल भूखे प्यासे रहना बल्कि किसी भी तरह की बुराई से दूर रहना भी आवश्यक है. इस मुबारक महीने में अल्लाह पाक से अपनी गुनाहों के लिए तौबा करें. इस महीने में जरूरतमंदों की ज्यादा से ज्यादा मदद करनी चाहिए. सिर्फ रमजान ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी लोगों की मदद से पीछे नहीं हटना चाहिए.

 

 

वाराणसी न्यूज़ डेस्क

Share this story