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Varanasi  चार माह में 44 लाख बढ़ा दिया बिल

Lucknow  घर बैठे स्वयं कर सकेंगे गृहकर का निर्धारण
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  भदैनी स्थित मारवाड़ी सेवा संघ पर गृहकर लगाने के मामले में नई गड़बड़ी सामने आई है. नगर निगम ने चार माह में संघ के भवनों पर 44 लाख रुपये ज्यादा बिल बना दिया. पूर्व कैबिनेट मंत्री शतरुद्र प्रकाश ने गृहकर के बिल में करीब चार गुना ज्यादा बढ़ोतरी पर सवाल उठाया है.
अगस्त 2023 में भवन संख्या बी 2/262, 262 ए-बी-सी, 263 और 264 पर भेलूपुर जोन से 15 लाख 71 हजार 816 रुपये गृहकर बिल भेजा गया था लेकिन दिसंबर 2023 में इन्हीं भवनों पर गृहकर बिल 59.73 लाख रुपये हो गया. दिसंबर 23 में बने बिल के आधार पर निगम प्रशासन ने इन भवनों की कुर्की भी की थी.
शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि पूर्व नगर आयुक्त शिपू गिरि के हस्ताक्षर से जो बिल भेजा गया वह 15.71 लाख रुपये का है. फिर किस नियम के तहत चार गुना बिल कर दिया गया. उन्होंने कहा कि नगर निगम में दो सॉफ्टवेयरों में तालमेल न होने से समस्या आई है. नगर निगम मुख्यालय में जोनल कार्यालय के कंप्यूटर बिल का उल्लेख नहीं है.


उन्होंने कहा कि हर तीन महीने पर बिल का राशि पर ब्याज लगाना गैरकानूनी है. गृहकर वार्षिक मूल्य यानि 12 महीने ( अप्रैल से  मार्च) की अवधि के बीच लगाया जाता है.
लाखों में बदल दिया गया हजारों का बिल
नगरीय विद्युत वितरण खंड-तृतीय (मछोदरी) के अभियंताओं की लापरवाही से हजारों का बिल लाखों में हो गया. मामला वर्ष 2019 का है. इस पर उपभोक्ता ने राज्य सूचना आयोग में शिकायत की. राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने एक्सईएन आरके गौतम और जेई संजय कुमार को तलब किया था. विभाग की ओर से रिकॉर्ड नहीं प्रस्तुत किया गया.
सप्तसागर के उमाशंकर यादव के घर बिल बकाये पर 2019 में के अभियंता मीटर उखाड़ने पहुंच गए. तब रीडिंग 02820 रीडिंग दिख रही थी. कुछ दिन बाद लाखों का बिल भेज दिया गया. रीडिंग 28253 बताई गई. उपभोक्ता ने डिवीजन को बताया कि रीडिंग 02820 है. आरटीआई में भी डिवीजन ने असली रीडिंग छिपा ली.


वाराणसी न्यूज़ डेस्क
 

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