Varanasi साइबर ठगी की 60 धनराशि विदेश जा रही, हाल की बड़ी घटनाओं में पकड़े गए शातिरों से पूछताछ में मिली जानकारी
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क आशापुर की माधवनगर कॉलोनी निवासी नेवी के रिटायर सब लेफ्टिनेंट अनुज कुमार यादव और उनकी पत्नी को डिजिटली अरेस्ट कर 98 लाख की ठगी में गिरफ्तार 12 आरोपियों से पूछताछ में चौकानेवाली जानकारियां मिलीं हैं. पुलिस के मुताबिक ठगों का कनेक्शन चीन, कंबोडिया आदि देशों के गिरोहों से जुड़ा है. साइबर ठगी का 60 फीसदी पैसा विदेशों में जा रहा है.
डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि चीन, कंबोडिया, सोमालिया समेत कुछ ऐसे देश हैं, जो अपने यहां की वैध-अवैध जानकारियां साझा नहीं करते, वहां पर साइबर ठगों के सक्रिय गिरोहों के तार भारत के जालसाजों से जुड़े हैं.
डिजिटल अरेस्ट या अन्य तरीकों से हुई ठगी के बड़े मामलों में सामने आया है कि देश के बाहर बैठे शातिरों तक 60 फीसदी पैसा जा रहा है. ये साफ्टवेयर डेवलपर, एपीके फाइल बनाने वाले या फिर बेटिंग या गेमिंग ऐप डेवलपर होते हैं.
इसी 60 फीसदी पैसे वे अपने लिए, बेटिंग या गेमिंग ऐप को संचालित करने, इस ऐप के जरिये विजेता यूजरों को इनाम राशि भेजने के लिए इस्तेमाल करते हैं. विदेश में सक्रिय गिरोह के सदस्यों में एक से दो फीसदी तक बांटते हैं. शेष राशि में भारत के अंदर सक्रिय खाता उपलब्ध कराने वाले जालसाजों को कमीशन के तौर पर बांटते हैं. देश में सक्रिय खाता उपलब्ध कराने वाले गिरोह और विदेशी गिरोह के बीच जो व्यक्ति कड़ी होता है, उसे 3 से 4 फीसदी राशि मिलती है.
प्रॉक्सी उर्फ निजाम भी चार फीसदी पर करता था काम एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने बताया कि नेवी से रिटायर अफसर से ठगी में गिरफ्तार बहराइच निवासी निजाम अहमद उर्फ प्रॉक्सी को साइबर ठगी के रुपये में से 3 से 4 फीसदी ही मिलते थे.
उसका काम एक कड़ी के तौर पर था. उसकी टेलीग्राम आईडी, अन्य अकाउंट के जरिये पुलिस उसके अन्य चार साथियों तक भी पहुंचने की कोशिश कर रही है.
वाराणसी न्यूज़ डेस्क