
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्पर्श दर्शन को लेकर अफवाह फैलाने और सोशल मीडिया पर झूठी सूचना वायरल करने के मुकदमा दर्ज होने के बाद कई शक के दायरे में हैं. दानदाता अजय शर्मा के साथ ही उसकी रसीद जारी करने वाला कर्मचारी भी इसमें शामिल हैं. उसकी भूमिका की भी जांच हो रही है.
रंगभरी एकादशी के एक दिन पहले दो मार्च को अजय शर्मा के नाम से रसीद जारी हुई थी. रसीद पर शुल्क का उद्देश्य दान लिखा हुआ है. हालांकि दानदाता के नाम के आगे ‘अजय शर्मा स्पर्श दर्शन’ लिखा है. आशंका है कि नाम के साथ स्पर्श दर्शन जोड़कर इसे शुल्क के रूप में दर्शाया गया. इसी से सोशल मीडिया पर 500 रुपये शुल्क लिये जाने की छूठी सूचना वायरल की गई. अजय शर्मा काशी करवत के पास स्थित एक मंदिर के महंत का दामाद बताया जा रहा है. आरोप है कि इस प्रकरण में मंदिर प्रशासन के लोगों को आरोपितों की ओर से धमकी भी दी गई थी.
शुल्क संबंधी सूचना वायरल होने के बाद मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने इसका खंडन किया था. बताया था कि किसी तरह का शुल्क निर्धारण नहीं हुआ है. पिछली बैठक में शुल्क लगाने पर विभिन्न ट्रस्ट की ओर से विचार प्रकट किया गया था. उसी समय प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था.
सद्भाव बिगाड़ने से धर्म के अपमान तक की धाराएं
चौक इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपितों पर धारा 153 ए - सद्भाव बिगाड़ने, 295 - धर्म का अपमान करने, 506 - धमकी, 120 बी - साजिश रचने, आईटी एक्ट - सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अफवाह फैलाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
वाराणसी न्यूज़ डेस्क