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Varanasi  हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण में काशी पिछड़ी, मंडल में सिर्फ 65.44 फीसदी बच्चों को ही लग पाया टीका, जन्म के 12 से 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का टीका जरूरी
 

Varanasi  हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण में काशी पिछड़ी, मंडल में सिर्फ 65.44 फीसदी बच्चों को ही लग पाया टीका, जन्म के 12 से 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का टीका जरूरी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   बच्चों को जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाता है लेकिन बनारस सहित पूर्वांचल इसमें पिछड़ रहा है. मार्च में अब तक मंडल के 65.44 फीसदी नवजात बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगा है. वहीं बनारस में यह प्रतिशत 47.63 ही है.
मंडल टिटनेस, काली खांसी, गलाघोंटू आदि बीमारियों से बचाने वाले डीपीटी (डिप्टथीरिया परटोसिस टिटनस) के बूस्टर डोज में भी पिछड़ रहा है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार बच्चे के जन्म के 12 से 14 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का टीका लगना चाहिए. बनारस मंडल में 1.66 लाख संस्थागत प्रसव हुए हैं. उनमें 1.06 लाख बच्चों को हेपेटाइटिस का टीका लगा है. 34.56 फीसदी बच्चों को टीका नहीं लग पाया.
मंडल में सबसे खराब स्थिति चंदौली की है जहां 42.09 फीसदी बच्चों को ही हेपेटाइटिस बी का टीका लगा है. जौनपुर में 91.34, गाजीपुर में 80.70 फीसदी बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगा है. वहीं डीपीटी की दूसरी बूस्टर डोज मंडल के 82.60 फीसदी बच्चों को गी है. इसमें सबसे पीछे गाजीपुर (75.33 फीसदी) है. बनारस में 98.01 फीसदी को बूस्टर डोज लगी है.

जिला प्रसव टीका लगा
गाजीपुर 37655 3089
चंदौली 37803 15912
जौनपुर 38105 34804
वाराणसी 53020 25255
कुल 166583 106360
बच्चों को अलग-अलग लगते हैं टीका
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (टीकाकरण) डॉ. एके पाण्डेय और डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है. जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी व ओपीवी, छठे हफ्ते पर बीओपीवी-1, पेंटावेलेंट-1, एफआई पीवी-1, रोटा-1 व पीसीवी-1, 10वें हफ्ते बीओपीवी-2, पेंटावेलेंट-2 और रोटा-2, 14वें सप्ताह पर बीओपीवी-3, पेंटावालेंट-3, ए़फआईपीवी-2, रोटा-3 और पीसीवी-2, नौ से 12वें माह पर एमआर-1, पीसीवी बूस्टर, ए़फआईपीवी-3 व विटामिन-ए की पहली खुराक लगती है.


वाराणसी न्यूज़ डेस्क
 

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