
राजस्थान न्यूज़ डेस्क, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने नवनिर्मित इंजीनियरिंग कॉलेज की लैब को बेकार पड़ी सामग्री (वेस्ट घटकों) से बनाने की अनूठी पहल की है। लैब में लगाए गए मोटर, ट्रांजिस्टर, इनवर्टर जैसे उपकरण-मशीनों को कबाड़ में पड़े उपकरणों से शिक्षकों ने ही तैयार किया है। इन्हें डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स लैब, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स लैब, सर्किट डिजाइन लैब, इलेक्ट्रिकल एस्टीमेट लैब, कास्टिंग लैब और मशीन लैब में लगाया गया है। बता दें कि विवि में कम्प्यूटर की 80, इलेक्ट्रिकल 30, मैकेनिकल 30 व सिविल इंजीनियरिंग की 30 सीटें हैं।
दुरुस्त करने के बाद ओपन ही रखा, ताकि बच्चे अच्छे से समझें
इन लैबों के निर्माण के लिए 27 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया गया था। लेकिन कबाड़ के इस्तेमाल से लैब को मात्र 7 लाख रुपए में तैयार कर दिया गया। इससे 20 लाख रुपए की बचत हुई। इस लैब को डायरेक्टर प्रो. बीएल आहुजा, नोडल ऑफिसर डॉ. अविनाश पंवार, डॉ. हिमानी पालीवाल, जयश्री चौहान, प्रफुल्ल कोठारी, विमला डांगी, डॉ. पीयूष पाठक आदि ने तैयार किया है।
कॉलेज के नोडल ऑफिसर डॉ. अविनाश पंवार बताते हैं कि लैब में स्थापित उपकरण पूरी तरह से खुले हुए हैं। जिनके एक-एक घटक की उपयोगिता-गतिविधि विद्यार्थियों को लाइव समझाते हैं। इससे विद्यार्थी इन उपकरणों और मशीनों की संरचना व संचालन विधि को अपने जेहन में उतारते हैं। साथ ही वे खुद समझते हैं कि कहां, किस तरह की वायरिंग की गई है। कौनसा घटक किससे व क्यों, कैसे जुड़ा है? विद्युत प्रवाह किस तरह से बेहतर हो सकता है? जैसे सवाल लैब में प्रायोगिक रूप से सुलझाए जा रहे हैं।
उदयपुर न्यूज़ डेस्क!!!