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युवाओं का कहना- सरकार को रोजगार के साधनों का सृजन करना चाहिए 

लोकसभा चुनाव पूरे शबाब पर हैं. विभिन्न पार्टियों के नेता जनता के बीच जा रहे हैं और वादों के जरिए उनका पक्ष लेने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही जनता के बीच विकास के बड़े-बड़े वादे करने से भी नहीं कतरा रहे हैं. इस बीच उदयपुर संसदीय क्षेत्र के युवाओं ने भी विकास को लेकर मंथन शुरू कर दिया है..........
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उदयपुर न्यूज़ डेस्क !!! लोकसभा चुनाव पूरे शबाब पर हैं. विभिन्न पार्टियों के नेता जनता के बीच जा रहे हैं और वादों के जरिए उनका पक्ष लेने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही जनता के बीच विकास के बड़े-बड़े वादे करने से भी नहीं कतरा रहे हैं. इस बीच उदयपुर संसदीय क्षेत्र के युवाओं ने भी विकास को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. कोई शिक्षा को मजबूत करने की बात कर रहा है तो कोई तकनीकी शिक्षा की दिशा में काम करने पर जोर दे रहा है. शहर के राजस्थान कृषि महाविद्यालय में जब हमने युवाओं से बात की तो उन्होंने खुलकर बात की. युवाओं ने कहा कि उदयपुर एक पर्यटन नगरी है. इसके विकास के लिए नई परियोजनाएं लाकर इसे और विकसित किया जाना चाहिए। इसके अलावा अरावली पहाड़ियों के संरक्षण की दिशा में भी काम किया जाना चाहिए ताकि यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ सके। युवाओं का कहना है कि युवाओं में कौशल विकास के लिए जिला मुख्यालय पर एक केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए ताकि युवा इसमें कौशल हासिल कर रोजगार हासिल कर सकें. ऐसा होने पर बेरोजगारी कम होगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा. इससे यहां की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. उन्होंने वर्तमान युग में तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया। 

पुनित सिंह राजावत ने कहा कि उदयपुर में झीलों के संरक्षण पर काम किया जाना चाहिए. यहां अतिक्रमण कर तालाब के मूल स्वरूप को नष्ट किया जा रहा है। इसके लिए एक अलग सेल का गठन किया जाना चाहिए जो इन मामलों की जांच करे.


अभिनव मिश्र ने कहा कि तकनीकी शिक्षा आज की जरूरत है. युवाओं में कौशल विकास के लिए तहसील मुख्यालयों पर कौशल विकास केंद्र खोले जाएं।


अविश व्यास ने कहा कि उदयपुर पहाड़ियों से घिरा हुआ है. लेकिन कुछ लोग स्वार्थ के कारण इनके मूल स्वरूप को नष्ट करने पर तुले हुए हैं। इस पर अंकुश लगाने और उनकी सुरक्षा करने की बात कही. यदि इनका स्वरूप नष्ट हो गया तो यहां पर्यटकों का आवागमन कम हो जाएगा।


कुन्दन जाट ने कहा कि शहर में जलदाय विभाग, स्मार्ट सिटी और विद्युत निगम की आपसी खींचतान का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. शहर के कई इलाके स्मार्ट सिटी के कार्यों से वंचित हैं. इन कार्यों को तेजी से पूरा किया जाना चाहिए।


आयुष गालव ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में रिक्त पद हैं. ऐसे में बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप पदों पर व्याख्याताओं की नियुक्ति की जाए।


गोविंद शर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए स्वचालित प्रणाली लागू की जानी चाहिए। शहर में जाम एक बड़ी समस्या बन गयी है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में नियम विरुद्ध बन रहे भवनों पर भी अंकुश लगाया जाये.

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