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'उदयपुर फाइल्स' पर सुप्रीम कोर्ट की रोक बरकरार, केंद्र के सुझावों पर 6 बदलाव अनिवार्य

'उदयपुर फाइल्स' पर सुप्रीम कोर्ट की रोक बरकरार, केंद्र के सुझावों पर 6 बदलाव अनिवार्य

विवादों में घिरी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज़ पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक बरकरार रखी है। सोमवार, 21 जुलाई को हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म पर रोक लगाने के अपने पहले के आदेश को आगे बढ़ा दिया है। साथ ही, कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से सुझाए गए छह जरूरी बदलावों को फिल्म में लागू करने का निर्देश भी दिया है।

यह मामला बीते कुछ समय से सुर्खियों में बना हुआ है, क्योंकि फिल्म की विषयवस्तु को लेकर विभिन्न समुदायों और संगठनों द्वारा आपत्ति जताई जा रही थी। इसके बाद कोर्ट ने पहले 24 जुलाई तक फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाई थी। ताजा आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने इस रोक को फिलहाल बरकरार रखते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक फिल्म में सुझाए गए बदलाव नहीं किए जाते, तब तक इसे सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता।

क्या है मामला?

‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म कथित तौर पर उदयपुर में हुए एक सनसनीखेज और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले घटनाक्रम पर आधारित है। फिल्म के ट्रेलर और कथानक पर कई याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई थी और आरोप लगाया था कि यह फिल्म सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा दे सकती है। इसी के चलते कोर्ट में फिल्म के खिलाफ याचिकाएं दाखिल हुई थीं।

केंद्र सरकार के सुझाव

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने फिल्म निर्माताओं को छह महत्वपूर्ण बदलाव सुझाए, जिनमें कुछ संवादों को हटाना, संवेदनशील दृश्यों में कटौती करना, कुछ चरित्रों के नाम बदलना और संदर्भों को तटस्थ करना शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने इन सुझावों को गंभीरता से लेते हुए इन्हें फिल्म में अनिवार्य रूप से लागू करने का आदेश दिया है।

अगली सुनवाई तक स्थिति यथावत

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अगली सुनवाई तक फिल्म की रिलीज नहीं हो सकती। इस दौरान निर्माता यदि निर्धारित बदलाव कर लेते हैं और उनका प्रमाण कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करते हैं, तभी आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।

निर्माता पक्ष की दलील

फिल्म निर्माता पक्ष की ओर से कहा गया कि उन्होंने सेंसर बोर्ड से मंजूरी प्राप्त की थी और उनका उद्देश्य किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि एक सत्य घटना पर आधारित तथ्य प्रस्तुत करना है। हालांकि कोर्ट ने इस दलील को सुनते हुए भी सामाजिक समरसता और सार्वजनिक शांति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

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