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उदयपुर में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार का सनसनीखेज मामला, वीडियो में जानें कांग्रेस नेता समेत तीन गिरफ्तार

उदयपुर में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार का सनसनीखेज मामला, वीडियो में जानें कांग्रेस नेता समेत तीन गिरफ्तार

राजस्थान के उदयपुर जिले से राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार का गंभीर और शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक कांग्रेस नेता अपने हिस्ट्रीशीटर दोस्त और एक अन्य साथी के साथ मिलकर मोर का शिकार कर नॉनवेज पार्टी कर रहा था। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मोर का शिकार पकाते हुए तीनों आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के सामने आने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया है।

यह मामला रविवार शाम करीब 7 बजे उदयपुर जिले के ऋषभदेव थाना क्षेत्र के बीलख गांव का बताया जा रहा है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि गांव में कुछ लोग अवैध रूप से मोर का शिकार कर उसका मांस पकाने की तैयारी कर रहे हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और मौके पर छापा मारा।

पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां तीन लोग मोर का मांस पकाते हुए पाए गए। पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों में से एक स्थानीय कांग्रेस नेता है, जबकि दूसरा उसका हिस्ट्रीशीटर दोस्त बताया जा रहा है। तीसरा आरोपी भी इस नॉनवेज पार्टी में शामिल था। पुलिस ने मौके से पकाया जा रहा मोर का मांस, बर्तन और अन्य सामग्री जब्त कर ली।

घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने जांच के बाद पुष्टि की कि शिकार किया गया पक्षी राष्ट्रीय पक्षी मोर ही है। अधिकारियों ने बताया कि मोर का शिकार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध है, जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।

वन विभाग के अनुसार, मोर को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल किया गया है। इसका शिकार, हत्या या इसके अंगों का उपयोग करना गैरकानूनी है। दोषी पाए जाने पर आरोपियों को जेल और भारी जुर्माने की सजा हो सकती है।

पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने शिकार करने की योजना पहले से बनाई थी और नॉनवेज पार्टी के लिए मोर को निशाना बनाया गया। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस तरह की गतिविधियां पहले भी की गई थीं या नहीं।

इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े नेता का इस तरह के अपराध में शामिल होना कई सवाल खड़े कर रहा है। स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों में इस घटना को लेकर भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण की जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है, ऐसे में इस तरह की घटनाएं बेहद निंदनीय हैं।

फिलहाल पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम मामले की गहन जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उसका राजनीतिक कद कुछ भी हो। यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि वन्यजीवों के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ कानून पूरी सख्ती से लागू किया जाएगा।

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