विदेश ही नहीं राजस्थान में भी मौजूद है एक स्विट्जरलैंड, जहाँ के प्राकृतिक नजारों को देखने हर साल आते है लाखों सैलानी

राजस्थान का नाम सुनते ही अधिकतर लोगों के ज़हन में रेगिस्तान, ऊँट और तपती गर्मी की छवि बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी राजस्थान में एक ऐसा ठंडी हवा वाला पहाड़ी क्षेत्र भी है, जिसे ‘राजस्थान का स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं माउंट आबू की — एकमात्र हिल स्टेशन जो ना सिर्फ अपनी खूबसूरती और ठंडे मौसम के लिए जाना जाता है, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए भी चर्चित है।माउंट आबू अरावली पर्वतमाला की गोद में बसा हुआ है और 1,220 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह जगह ना केवल गर्मी से राहत दिलाने के लिए आदर्श स्थल है, बल्कि यहां का शांत वातावरण, हरियाली, और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इसे पूरे उत्तर भारत के प्रमुख हिल स्टेशनों में शामिल करता है।
सुरक्षा के लिहाज से माउंट आबू क्यों है खास?
देश के कई बड़े पर्यटक स्थलों में आतंकवादी हमलों का खतरा हमेशा बना रहता है। लेकिन माउंट आबू इस मामले में अपवाद है। यह न केवल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि यहां की जियोपॉलिटिकल स्थिति और सघन सुरक्षा व्यवस्था इसे एक सुरक्षित पर्यटन स्थल बनाती है।माउंट आबू में भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी भी इसे अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करती है। यहां कई आर्मी कैम्प्स और निगरानी चौकियां हैं जो इसे आतंकवाद जैसी किसी भी संभावना से लगभग मुक्त रखती हैं। यह वजह है कि हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां बिना किसी डर के सुकून से छुट्टियां मनाने आते हैं।
गर्मियों में क्यों बढ़ जाती है माउंट आबू की लोकप्रियता?
राजस्थान और गुजरात की तपती गर्मी से राहत पाने के लिए माउंट आबू एक आदर्श डेस्टिनेशन है। मई-जून के महीनों में जब देश के बाकी हिस्सों में पारा 45 डिग्री के पार होता है, तब माउंट आबू का तापमान 23 से 30 डिग्री के बीच बना रहता है। यह हर आयु वर्ग के पर्यटकों को राहत देने वाला अनुभव प्रदान करता है।गर्मियों के दौरान माउंट आबू समर फेस्टिवल भी आयोजित होता है, जो स्थानीय संस्कृति, लोकगीतों, नृत्य, और कारीगरी को दर्शाता है। इस तीन दिवसीय आयोजन में देश-विदेश से हजारों पर्यटक शामिल होते हैं।
माउंट आबू के प्रमुख आकर्षण
1. नक्की झील:
यह माउंट आबू का दिल है। यहां बोटिंग करते हुए पहाड़ियों और हरियाली का आनंद लेना पर्यटकों को सबसे ज़्यादा पसंद आता है।
2. दिलवाड़ा जैन मंदिर:
11वीं और 13वीं सदी के बीच बने इन मंदिरों में संगमरमर पर की गई बारीक नक्काशी विश्व प्रसिद्ध है।
3. गुरु शिखर:
अरावली की सबसे ऊंची चोटी (1722 मीटर) पर स्थित यह स्थान ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए आदर्श है। यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय का दृश्य अद्भुत होता है।
4. हनीमून पॉइंट और सनसेट पॉइंट:
प्रकृति प्रेमियों और कपल्स के लिए ये जगहें बेहद खास हैं। यहां से दिखाई देने वाला सूर्यास्त माउंट आबू यात्रा का सबसे यादगार हिस्सा बन जाता है।
पारिवारिक और धार्मिक पर्यटन का केंद्र
माउंट आबू न केवल कपल्स और पर्यटक समूहों के लिए एक आदर्श स्थान है, बल्कि यह धार्मिक भावनाओं से भी जुड़ा है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए दिलवाड़ा मंदिर विशेष श्रद्धा का केंद्र है, वहीं ब्रह्मकुमारी संगठन का मुख्यालय भी माउंट आबू में ही है। इससे यह जगह आध्यात्मिक पर्यटकों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है।
कैसे पहुंचे माउंट आबू?
रेल मार्ग:
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ‘आबू रोड’ है, जो माउंट आबू से 28 किलोमीटर दूर है। यहां से टैक्सी और बस की सुविधा आसानी से मिल जाती है।
सड़क मार्ग:
राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश से माउंट आबू के लिए कई बस सेवाएं उपलब्ध हैं। निजी वाहन से भी हाइवे के ज़रिए आराम से पहुंचा जा सकता है।
हवाई मार्ग:
निकटतम हवाई अड्डा ‘उदयपुर’ (165 किमी) और ‘अहमदाबाद’ (221 किमी) हैं। वहां से टैक्सी या बस के ज़रिए आसानी से माउंट आबू पहुंचा जा सकता है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयास
राजस्थान पर्यटन विभाग माउंट आबू को एक 'सस्टेनेबल टूरिज्म डेस्टिनेशन' बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। साफ-सफाई, सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता यहां साल दर साल बेहतर होती जा रही है।
निष्कर्ष
माउंट आबू सिर्फ एक हिल स्टेशन नहीं, बल्कि राजस्थान का वह रत्न है, जो आपको गर्मियों की तपिश से तो राहत देता ही है, साथ ही आपको एक सुरक्षित, शांत और समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव भी प्रदान करता है। आतंकी हमलों से दूर, माउंट आबू अपने आगंतुकों को निश्चिंत होकर प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने का अवसर देता है।