मेवाड़-वागड़ में कांग्रेस में दिखा बढ़ता विवाद, आदिवासी नेताओं को लेकर पार्टी में टकराव का वीडियो हो रहा वायरल
राजस्थान के मेवाड़ और वागड़ क्षेत्र में कांग्रेस के भीतर एक नई राजनीतिक हलचल सामने आई है। कांग्रेस पार्टी के दो आदिवासी नेताओं और अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिल्ली कांग्रेस हाईकमान को की गई शिकायत के बाद पार्टी में विवाद गहरा गया है। इन नेताओं ने क्षेत्रीय स्तर पर बढ़ते असंतोष और पार्टी के भीतर हो रही अनदेखी को लेकर अपनी शिकायत दिल्ली भेजी थी। इसके बाद से पार्टी में दो गुटों के बीच घमासान बढ़ गया है, और अब दूसरे गुट ने खुलकर इन नेताओं को निशाने पर ले लिया है।
आदिवासी नेताओं की शिकायत और गुटबाजी
मेवाड़ और वागड़ क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति को लेकर अंदर ही अंदर असंतोष बढ़ रहा था, जो अब खुलकर सामने आ चुका है। आदिवासी नेताओं का कहना है कि उन्हें पार्टी में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है, और उनके क्षेत्र की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। इन नेताओं ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात की और वहां की गई शिकायत में पार्टी की स्थानीय नीति और नेतृत्व पर सवाल उठाए।
इन शिकायतों के बाद, पार्टी के भीतर दो गुटों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। एक गुट जहां इन आदिवासी नेताओं का समर्थन कर रहा है, वहीं दूसरा गुट उनकी शिकायतों को नकारते हुए उन्हें पार्टी के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगा रहा है।
दूसरे गुट का आरोप और प्रतिवाद
अब, कांग्रेस के दूसरे गुट ने इन आदिवासी नेताओं को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि ये नेता पार्टी के अंदर परस्पर सहयोग की बजाय केवल अपने व्यक्तिगत हितों के लिए राजनीति कर रहे हैं। गुट के नेताओं ने आरोप लगाया कि आदिवासी नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे वास्तविक नहीं हैं, और यह केवल पार्टी को कमजोर करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में एकजुटता बनाए रखने के बजाय, इन नेताओं ने अपनी शिकायतों को सार्वजनिक करने के बाद से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। गुट के नेताओं का कहना है कि यदि ये आदिवासी नेता इतने गंभीर थे तो पहले पार्टी के भीतर चर्चा करते, न कि सीधे दिल्ली हाईकमान को रिपोर्ट भेजने का कदम उठाया।
आने वाले समय में पार्टी में टकराव की संभावना
इस राजनीतिक विवाद ने मेवाड़ और वागड़ क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। दोनों गुटों के बीच खुलकर सामने आए इस टकराव से अब पार्टी के नेताओं के बीच आपसी मतभेदों की तस्वीर साफ हो रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अब इस विवाद को सुलझाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति कमजोर न हो।

