अनियंत्रित होकर 60 फीट गहरी खाई में गिरी कार, वीडियो में जानें दो युवक गंभीर रूप से घायल

जिले के बेकरिया थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। गोगुंदा-पिंडवाड़ा हाईवे पर तेज रफ्तार एक कार अनियंत्रित होकर करीब 60 फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कार में सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल उदयपुर एमबी अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब कार तेज रफ्तार में हाईवे पर एक मोड़ पर पहुंची और चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया। इसके बाद कार सीधे खाई में जा गिरी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
स्थानीय लोगों की तत्परता से बची जान
हादसे के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीण और राहगीर मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को खाई से बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच गई। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायलों को उदयपुर के महाराणा भूपाल (एमबी) अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है।
घायलों की पहचान और स्थिति
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घायलों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन दोनों युवक 25 से 30 वर्ष की आयु के बताए जा रहे हैं। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, और चिकित्सकों की टीम लगातार निगरानी रखे हुए है। पुलिस परिवारजनों से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है।
तेज रफ्तार बनी हादसों की वजह
गोगुंदा-पिंडवाड़ा हाईवे पर लगातार हो रहे हादसे एक बार फिर यह सवाल खड़ा करते हैं कि हाईवे पर गति नियंत्रण और सुरक्षा मानकों को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर तेज रफ्तार वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सड़क किनारे चेतावनी संकेतों की कमी और पर्याप्त बैरिकेडिंग न होने से खतरा और भी बढ़ गया है।
पुलिस जांच में जुटी
बेकरिया थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और कार को खाई से बाहर निकालने की व्यवस्था शुरू कर दी है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि दुर्घटना के समय कार में शराब सेवन या अन्य कोई लापरवाही तो नहीं थी।
प्रशासन से मांग
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस हाईवे पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। साथ ही, सड़क के खतरनाक मोड़ों पर उचित संकेतक और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाए, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।