विश्व कविता दिवस आज, टोंक में भी बढ़ रहा क्रेज, वीडियो में देखें ममता मंजुला का गीत हो रहा है मशहूर
आज 21 मार्च को विश्व कविता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर का उद्देश्य कविता के इस सशक्त माध्यम को बढ़ावा देना और अभिव्यक्ति की कला को समाज में अधिक स्थान दिलाना है। कविता, जो भावनाओं और विचारों को शब्दों में ढालने का माध्यम रही है, अब एक सशक्त सामाजिक और सांस्कृतिक मंच बन चुकी है। इसी दिशा में टोंक जिले की महिलाओं और कवयित्रियों ने भी अपनी अलग पहचान बनाकर समाज में प्रेरणा का संदेश दिया है।
जहां पहले कवि मंचों पर पुरुषों का वर्चस्व दिखता था, वहीं अब टोंक की कवयित्रियां भी काव्य मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। अपनी संवेदनशील लेखनी और ओजपूर्ण प्रस्तुतियों से उन्होंने न केवल जिले में, बल्कि राज्य स्तर पर भी नाम कमाया है।
विश्व कविता दिवस के मौके पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भी इन कवयित्रियों की भागीदारी देखने को मिली। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में व्याप्त विसंगतियों, महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक बदलाव की जरूरतों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
टोंक की उभरती हुई कवयित्रियों में कई नाम ऐसे हैं, जिन्होंने अपने गीतों, ग़ज़लों और ओजपूर्ण कविताओं के जरिए प्रदेश में खासी पहचान बनाई है। इनमें से कुछ ने राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर भी अपनी रचनाएं पढ़ीं और प्रशंसा बटोरी। उनकी कविताओं में नारी सशक्तिकरण, समाज में जागरूकता और संवेदनशील मुद्दों पर गहरी पकड़ दिखाई देती है।
स्थानीय साहित्यिक संगठनों और मंचों का भी अहम योगदान रहा है, जिन्होंने महिला कवयित्रियों को मंच देने का काम किया। टोंक में समय-समय पर आयोजित कवि सम्मेलनों में इन कवयित्रियों की सक्रिय भागीदारी से यह साबित हो गया है कि महिलाओं में भी काव्य लेखन और प्रस्तुतिकरण की गहरी समझ और रचनात्मकता है।
कुछ वरिष्ठ साहित्यकारों का कहना है कि पहले जहां महिलाओं की सहभागिता कम देखी जाती थी, अब वह तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि टोंक की कई कवयित्रियां सामाजिक मुद्दों पर लिखते हुए नए आयाम स्थापित कर रही हैं। उनकी कविताएं केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं हैं, बल्कि समाज में बदलाव लाने वाली आवाज़ भी हैं।
विश्व कविता दिवस के अवसर पर यह कहना गलत नहीं होगा कि टोंक की कवयित्रियां अब किसी भी मंच पर पीछे नहीं हैं। वे अपनी सशक्त कविताओं से साहित्य की दुनिया में अपनी जगह बना चुकी हैं और आने वाले समय में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होने वाली है।
इस दिन के महत्व को समझते हुए साहित्य प्रेमी और युवा भी प्रेरित हो रहे हैं, जिससे कविता की दुनिया और व्यापक और सशक्त बन रही है। टोंक जिले में भी कविता के इस उत्सव ने महिलाओं की रचनात्मकता को नई दिशा दी है।