सचिन पायलट ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर भाजपा और केंद्र सरकार पर उठाए गंभीर सवाल
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को टोंक में आयोजित जनसभा में उपराष्ट्रपति के अचानक दिए गए इस्तीफे को लेकर भा.ज.पा. और केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। पायलट ने कहा कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद होता है और ऐसे पद से अचानक इस्तीफा देना सामान्य नहीं हो सकता।
पायलट का बयान
पायलट ने जनसभा में कहा, "उपराष्ट्रपति का पद न केवल सम्मानजनक होता है, बल्कि यह लोकतंत्र के स्तंभों में से एक है। ऐसे महत्वपूर्ण पद से अचानक इस्तीफा देना देश की राजनीति के लिए चिंता का विषय है। यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि आखिर केंद्र सरकार और भाजपा के लिए यह क्यों जरूरी था कि उपराष्ट्रपति को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया।"
उन्होंने आगे कहा, "क्या ये इस्तीफा भाजपा और केंद्र सरकार की आंतरिक राजनीति की छांव में लिया गया फैसला था? क्या यह सत्ता की लड़ाई का हिस्सा है, जो देश की संस्थाओं को कमजोर कर रहा है?"
भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला
पायलट ने भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, "भा.ज.पा. सत्ता में रहते हुए लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे ने इस बात को और स्पष्ट कर दिया कि सत्ता का स्वार्थ देश की संस्थाओं को अपने प्रभाव में लाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए संवैधानिक पदों का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। पायलट ने यह भी कहा कि इस इस्तीफे से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार अपने सुरक्षात्मक कदमों के तहत इन घटनाओं को दबाने में लगी हुई है।
कांग्रेस की तरफ से रुख
पायलट ने आगे कहा, "कांग्रेस पार्टी देश की संविधानिक व्यवस्था को मजबूती से बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। हमारी पार्टी हमेशा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए खड़ी रहेगी। हम इस मुद्दे को देश के लोगों के सामने लाने का काम करेंगे।"

