राजस्थान को जल संकट से मिलेगी राहत! पहली बार भरने जा रहा हाईटेक इसरदा बांध, रामगढ़ जलाशय फिर होगा जीवित

राजस्थान के लिए अच्छी खबर है। यह मानसून जयपुर, दौसा और सवाई माधोपुर के लाखों लोगों के लिए खुशियां लेकर आएगा। स्वीडिश तकनीक से बना 3.24 टीएमसी भराव क्षमता वाला प्रदेश का पहला हाईटेक ईसरदा बांध इस बार पहली बार भरने जा रहा है। बांध का पहला चरण लगभग पूरा हो चुका है। पहले चरण में ईसरदा बांध से दौसा और सवाई माधोपुर जिलों को पेयजल आपूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना) के तहत जयपुर के रियासतकालीन रामगढ़ बांध को भी इसी बांध से भरा जाएगा। यह वही रामगढ़ बांध है, जो दशकों से सूखा पड़ा है।
बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने की स्थिति में अरबों लीटर पानी व्यर्थ नहीं जाएगा। दूसरे चरण में भरेगा रामगढ़ बांध जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में बांध की भराव क्षमता 3.24 टीएमसी है। दूसरे चरण में बांध की ऊंचाई बढ़ाकर 7.53 टीएमसी की जाएगी। इस अतिरिक्त पानी से जयपुर का रामगढ़ बांध वर्ष 2029 के बाद भर जाएगा।
दो जिलों की सीमा पर बना है बांध
बनास नदी पर बना यह बांध दो जिलों- सवाई माधोपुर और टोंक की सीमा पर स्थित है। बांध का एक हिस्सा सवाई माधोपुर के ईसरदा गांव में और दूसरा टोंक जिले के बनेठा क्षेत्र में है। इस मानसून में जब पहली बार बांध भरेगा तो इसका सीधा फायदा दौसा और सवाई माधोपुर को मिलेगा।
इस टीम की देखरेख में पहली बार बांध भरा जाएगा
विजय शर्मा - अधीक्षण अभियंता
विकास गर्ग - अधिशासी अभियंता
मोहन लाल मीना - अधिशासी अभियंता
देवानंद - अधिशासी अभियंता
बीसलपुर बांध - अब तक 7 बार ओवरफ्लो हुआ...
2006 - 26
2014 - 11
2016 - 134
2019 - 93
2022 - 132
2024 - 31
बांध में बहने वाले पानी की मात्रा टीएमसी में है
फैक्ट फाइल...
1- 618 करोड़ की लागत से बना बांध।
2- डूब क्षेत्र के लोगों को 420 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है।
3- बांध में 28 गेट हैं।
4- बांध को खोलने के लिए 56 स्वीडिश हाइड्रोलिक सिलेंडर लगाए गए हैं।
5- बांध का निर्माण कार्य 2018 में किया गया था।
6- बांध का एक हिस्सा सवाई माधोपुर में और दूसरा हिस्सा टोंक में है।
7- बांध बनास नदी पर बनाया गया है।