राजस्थान के एक जिले में पतंगबाजी को लेकर नए नियम और प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं। जिले की प्रशासनिक प्रशासन ने पतंगबाजी के समय को सीमित करते हुए चाइनीज मांझे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम न केवल सुरक्षा बढ़ाने, बल्कि पर्यावरण और पशु-पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पतंगबाजी की समय सीमा
प्रशासन ने यह निर्देश जारी किया है कि पतंगबाजी केवल निर्धारित समय के भीतर ही की जा सकेगी। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम दुर्घटनाओं और सुरक्षा संबंधी परेशानियों को कम करने के लिए उठाया गया है। समय सीमा के भीतर ही पतंग उड़ाने से सड़क दुर्घटना, बिजली के तारों से हादसे और अन्य जोखिम कम होंगे।
चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध
साथ ही प्रशासन ने चाइनीज मांझे पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। चाइनीज मांझे अक्सर तेज और धारदार होते हैं, जिससे पक्षियों, पशुओं और लोगों को चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। जिले के अधिकारियों ने कहा कि अब इस तरह के खतरनाक मांझों के उपयोग पर पूरी तरह रोक है।
सुरक्षा और जागरूकता अभियान
जिला प्रशासन ने पतंगबाजी के दौरान सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया है। स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को सुरक्षित पतंगबाजी के नियम समझाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले वर्षों में पतंगबाजी के दौरान कई दुर्घटनाएं हुई हैं, और नए नियम लागू होने से दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। पशु-पक्षियों और पर्यावरण के प्रति जागरूक लोग भी इस पहल से संतुष्ट हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पतंगबाजी में समय सीमा और खतरनाक मांझों पर प्रतिबंध सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बेहद आवश्यक है। इससे न केवल मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं को होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकेगा।

