
टोंक जिले में गर्मी के मौसम में पशु-पक्षियों को दाना-पानी उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को एक खास अभियान की शुरुआत की गई। "खाकी वॉरियर्स" नामक इस अभियान का उद्घाटन एसपी ऑफिस परिसर से हुआ, जो अब जिले भर में पशु-पक्षियों की मदद करने के लिए एक बड़े प्रयास का हिस्सा बनेगा। इस अवसर पर, टोंक पुलिस के सहयोग से पर्यावरणविद् और "ट्री मैन ऑफ इंडिया" के नाम से मशहूर विष्णु लाम्बा ने परिंडे लगाकर अभियान की औपचारिक शुरुआत की।
गर्मी के मौसम में पशु-पक्षियों को पानी और भोजन की किल्लत का सामना करना पड़ता है, और इस समस्या को हल करने के लिए इस अभियान की योजना बनाई गई है। अभियान के तहत जिलेभर में जगह-जगह परिंडे, पानी की सुराही और दाना रखे जाएंगे, ताकि पक्षी और जानवर आसानी से पानी पी सकें और उनका पोषण बना रहे।
इस अवसर पर विष्णु लाम्बा ने कहा, "हमारा यह अभियान न केवल जानवरों और पक्षियों की सुरक्षा के लिए है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। गर्मी के दिनों में जब पानी की कमी होती है, तो यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम पक्षियों और अन्य जीवों को जीवनदायिनी पानी और भोजन प्रदान करें।"
"खाकी वॉरियर्स" अभियान को टोंक पुलिस के अधिकारियों और स्थानीय समुदाय का पूरा समर्थन मिल रहा है। इस अभियान के तहत पुलिस विभाग ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि जिले में हर मोहल्ले और सार्वजनिक स्थानों पर पशु-पक्षियों के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो।
एसपी कार्यालय के अंतर्गत इस अभियान का उद्घाटन करते हुए, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे स्थानीय निवासियों से भी अपील करते हैं कि वे इस नेक काम में सहयोग करें और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि अभियान के दौरान विशेष रूप से गर्मी के दिनों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए, हर एक जीव को पानी और भोजन मुहैया कराने की आवश्यकता है।
इस अभियान को लेकर टोंक के नागरिकों में उत्साह देखा जा रहा है, और कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भी इस पहल की सराहना की। "खाकी वॉरियर्स" का उद्देश्य न केवल पशु-पक्षियों की मदद करना है, बल्कि इस पहल के जरिए सभी को पर्यावरण संरक्षण की ओर जागरूक करना भी है।
इस अभियान की सफलता के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य शहरों और जिलों में भी इस तरह के अभियान की शुरुआत हो, जिससे पूरे राज्य में पशु-पक्षियों को राहत मिल सके और पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके।