बीसलपुर बांध में पिकनिक मनाने आए युवक की डूबने से मौत, वीडियो में जानें जयपुर से आया था अपने दोस्तों के साथ

राजस्थान के टोंक जिले स्थित बीसलपुर बांध में शुक्रवार को एक युवक की डूबने से मौत हो गई। मृतक युवक जयपुर से अपने चचेरे भाई और दो दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आया था। खुशी भरी घड़ी देखते ही देखते मातम में तब्दील हो गई, जब नहाते समय युवक गहरे पानी में चला गया और बाहर नहीं निकल सका।
घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन व पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल गोताखोरों को बुलाकर सर्च ऑपरेशन शुरू कराया गया। घंटों की मशक्कत के बाद युवक के शव को पानी से बाहर निकाला गया। शव को फिलहाल देवली के सरकारी अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस में सुरक्षित रखा गया है।
हादसा कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार, जयपुर के झोटवाड़ा इलाके का रहने वाला 22 वर्षीय युवक अपने भाई और दोस्तों के साथ बीसलपुर बांध घूमने के लिए शुक्रवार सुबह पहुंचा था। सभी लोग दोपहर में बांध के किनारे नहा रहे थे। इसी दौरान युवक गहरे पानी की ओर चला गया और तेज बहाव में बह गया।
साथ मौजूद लोगों ने शोर मचाया और तुरंत मदद के लिए स्थानीय लोगों व पुलिस को सूचना दी गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन चला, पर नहीं बच सकी जान
सूचना मिलते ही देवली पुलिस और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। विशेष गोताखोर दल को बुलाकर पानी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद युवक का शव बांध से बाहर निकाला गया।
युवक की पहचान और परिजनों को सूचना
पुलिस ने मृतक युवक की पहचान कर ली है और उसके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। जयपुर से परिजन भी घटनास्थल और अस्पताल के लिए रवाना हो गए हैं।
बांध क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर बीसलपुर बांध क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करती है। हर साल बड़ी संख्या में सैलानी और स्थानीय लोग पिकनिक मनाने यहां पहुंचते हैं, लेकिन कई जगहों पर सावधानी संबंधी बोर्ड, बैरिकेडिंग या निगरानी व्यवस्था नहीं होने से हादसे होते रहते हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बांध क्षेत्र को सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और तैराकी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए या केवल सुरक्षित क्षेत्रों में ही अनुमति दी जाए।
पुलिस की अपील
देवली थाना अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि
"बांध या अन्य जल स्रोतों में बिना अनुमति के तैराकी न करें। ऐसे स्थानों पर गहराई और बहाव का अंदाजा नहीं लग पाता, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है।"