श्रीगंगानगर में ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़, वीडियो में देखें सरकारी और प्राइवेट साइंस टीचर गिरफ्तार, करोड़ों की एमडी ड्रग्स बरामद
राजस्थान के श्रीगंगानगर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जोधपुर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम ने एक फ्लैट में चल रही ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। कार्रवाई के दौरान टीम ने फैक्ट्री को सीज करते हुए दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि इनमें से एक आरोपी सरकारी साइंस टीचर है, जबकि दूसरा एक प्राइवेट स्कूल में विज्ञान शिक्षक के पद पर कार्यरत है।
एनसीबी जोधपुर यूनिट को गुप्त सूचना मिली थी कि श्रीगंगानगर के एक फ्लैट में मेफेड्रोन (MD) जैसी सिंथेटिक ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए टीम ने एक विशेष योजना के तहत फ्लैट पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान फ्लैट के भीतर एक मिनी ड्रग्स लैब चलती मिली, जिसमें कई तरह के रसायन, बायलर्स, बीकर, रिएक्टर और अन्य लैब उपकरण मौजूद थे।
कार्रवाई के दौरान टीम ने करीब 780 ग्राम मेफेड्रोन ड्रग (एमडी) बरामद की, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 2 करोड़ 34 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में ड्रग्स बनाने में उपयोग होने वाले रसायन और कच्चा माल भी जब्त किया गया है। एनसीबी ने मौके से डिजिटल साक्ष्य और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं।
गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान फिलहाल गोपनीय रखी गई है, लेकिन प्राथमिक पूछताछ में यह सामने आया है कि दोनों विज्ञान विषय में उच्च शिक्षा प्राप्त हैं और रसायन विज्ञान में विशेष जानकारी रखते हैं। इसी का फायदा उठाकर उन्होंने एक फ्लैट को ड्रग्स फैक्ट्री में तब्दील कर दिया और खुद ही मेफेड्रोन ड्रग तैयार करने लगे।
एनसीबी अधिकारी के अनुसार, "यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो समाज में शिक्षा देने की जिम्मेदारी निभाते हैं। छात्रों को दिशा देने वाले शिक्षक खुद नशे का कारोबार कर रहे थे, जो न केवल गैरकानूनी है, बल्कि नैतिक दृष्टि से भी घोर आपत्तिजनक है।"
फिलहाल एनसीबी की टीम दोनों आरोपियों से कड़ी पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस रैकेट के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं और तैयार की गई ड्रग्स की सप्लाई किन-किन जगहों पर की जा रही थी। इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए गहन जांच जारी है।

