भारत-पाक बॉर्डर पर सक्रिय हुए ड्रग तस्कर, वीडियो में जानें श्रीगंगानगर में ड्रोन से आई 1.5 किलो हेरोइन जब्त

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से सटे भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बार फिर ड्रग तस्करी की गंभीर गतिविधियाँ सामने आई हैं। बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने अनूपगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए भेजा गया करीब 1.5 किलोग्राम हेरोइन बरामद किया है। यह नशीला पदार्थ पीले रंग के एक पैकेट में लिपटा हुआ सीमा के पास खेतों में गिरा मिला।
घटना गुरुवार देर रात की है, जब बीएसएफ के जवानों ने सीमा क्षेत्र में संदिग्ध ड्रोन की आवाज सुनी। तुरंत सतर्कता बरतते हुए जवानों ने निगरानी बढ़ाई और तड़के सर्च ऑपरेशन के दौरान संदिग्ध पैकेट को बरामद किया। जांच में स्पष्ट हुआ कि इसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये मूल्य की हेरोइन थी।
बीएसएफ अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह पाकिस्तानी तस्करों द्वारा की जा रही ड्रोन आधारित ड्रग सप्लाई का हिस्सा है। ड्रोन से ड्रग गिराने की यह तकनीक पिछले कुछ वर्षों में पंजाब और राजस्थान की सीमाओं पर लगातार सामने आ रही है। सीमा पार से नशीले पदार्थ भेजने वाले रैकेट अब अत्याधुनिक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे यह चुनौती और गंभीर हो गई है।
घटना के बाद बीएसएफ ने पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। साथ ही स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है ताकि इस गिरोह से जुड़े संभावित लिंक को उजागर किया जा सके। फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ड्रोन को ऑपरेट कहां से किया गया और क्या इस गिरोह का स्थानीय स्तर पर कोई संपर्क था।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमारे जवान हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। सीमा पर ड्रोन मूवमेंट को रोकने के लिए रडार और एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती की जा रही है। लेकिन जब ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ाए जाते हैं, तो उन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।"
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि पाकिस्तान की ओर से भारत को नशीले पदार्थों के ज़रिए अस्थिर करने की कोशिशें लगातार जारी हैं। खासकर पंजाब और राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों में ड्रग्स की आपूर्ति के लिए ड्रोन का उपयोग चिंता का विषय बनता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक स्थानीय स्तर पर ड्रग नेटवर्क की कमर नहीं तोड़ी जाती, तब तक सीमाओं पर की गई कार्रवाई सीमित प्रभाव ही डाल पाएगी। इसी वजह से अब बीएसएफ और राज्य पुलिस संयुक्त रूप से ड्रग नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए रणनीति बना रहे हैं।