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Siwan  खाद्य-प्रसंस्करण इकाई से महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

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बिहार न्यूज़ डेस्क जिले में नाबार्ड के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की कवायद जारी है. हल्दी, विभिन्न प्रकार के मसाले, आटा, सत्तू, बेसन व मोटे अनाज आदि की इकाई लगा महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त व आत्मनिर्भर हो रही हैं. बहरहाल, जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड के भिह्वी गांव में महिलाओं द्वारा संचालित खाद्य-प्रसंस्करण इकाई करीब पचास महिलाओं के न केवल स्वावलंबन का आधार बनकर उभरा है, बल्कि परिजनों की आर्थिक निर्भरता भी इससे धीरे-धीरे कम हो रही है.

नाबार्ड के व्यापार विकास सहायता राशि से स्थापित यह उद्यम एफपीओ एएफपीसीएल परफेक्ट विज़न के मार्गदर्शन में तेजी से कार्य कर रहा है. नाबार्ड संपोषित एफपीओ अग्रभूमि फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, एएफपीसीएल की सीईओ सुनीता मिश्रा ने बताया कि महिलाओं के साथ कारोबारी बैठक कर उनके स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया जाहा है.

महिलाओं को प्रसंस्करण, उत्पाद गुणवत्ता, पैकिंग व बिक्री विधि का डेमो बताकर रोजगार बढ़ाने के अवसर बताए जाते हैं. वहीं निदेशक नीलू द्विवेदी ने बताया कि हल्दी-मसाला आदि का उत्पादन मार्केट की डिमांड के अनुरूप अन्य खाद्य उत्पादों के उत्पादन व विपणन की भी प्लानिंग की जा रही है.

मोटे अनाज पर भी जोर: हाल के दिनों में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा मोटे अनाज को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. इससे मड़ुआ, ज्वार, बाजरा, कोदो, रागी आदि मोटे अनाज के दिन फिर से लौट आए हैं. ग्रामीण इलाके में इनकी खेती किसान पुन: शुरू कर दिए हैं, इससे पारंपरिक मोटे अनाज की खेती के सुनहले दिन लौट रहे हैं. कांति देवी, पिंकी देवी, आरती देवी, सावित्री कुंवर, उषा देवी, कौशल्या देवी समेत नाबार्ड से जुड़कर कार्य कर रही अन्य महिलाएं मौजूद थीं.

 

 

सिवान न्यूज़ डेस्क

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